Shani Vakri 2023 : शनि का नाम सुनते ही मन में एक अलग से डर बना रहता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र में शनि को पापी ग्रह माना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि जब भी किसी राशि में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव होता है, तो उनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं. ये नकारात्मक प्रभाव लेकर आता है. शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से उसका फल देते हैं. शनि की धीमी चाल होने के कारण इनका प्रभाव शुभ और अशुभ दोनों तरीके से होता है. बता देंच, शनिदेव कुंभ राशि में वक्री हुए हैं, जिससे कुछ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव देखने को मिल रहा है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपन इस लेख में कुछ ऐसे राशि वालों के बारे में बताएंगे, जिनके लिए शनि वक्री शुभ माना जा रहा है.
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3 राशि वालों पर दिखेगा इसका असर
अगर किसी व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती लगती है, तो वह 3 चरणों में होकर गुजरती है. इस समय शनि की साढे़साती का सबसे कष्टदायी समय मीन राशि के जातकों के लिए माना जा रहा है. शनिदेव दिनांक 17 जून से कुंभ राशि में वक्री होंगे. यानी कि शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण कुंभ राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा. और इसका तीसरा चरण मकर राशि के जातकों को भी प्रभावित करेगा. इस समय मीन, कुंभ, मकर राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है. वरना आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है. शनि की साढ़ेसाती से तीन राशि वालों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
1. ज्योतिष शास्त्र में गर आप शनि के कुप्रभाव से बचना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.
2. शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा का पाठ करें.
3. शनिवार के दिन सरसों के तेल और काली उड़द दाल का दान जरूरतमंदों को करें. इससे शनि के कुप्रभाव से आपको मुक्ति मिल जाएगी.
4. शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिदेव से जुड़े मंत्रों का जाप करें.
5. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए भूलकर भी किसी गरीब या लाचार व्यक्ति को कष्ट न पहुंचाएं.