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Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर क्यों की जाती है श्री राधा कृष्ण की पूजा?, जानिए वजह!

Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर ही क्यों श्री राधा कृष्ण की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से मनचाहा प्यार और जीवनसाथी पाने की इच्छा पूरी होती है. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा पर ही क्यों श्री राधा कृष्ण की पूजा की जाती है.

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Rajvant Prajapati
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Sharad Purnima 2024 (Social Media)

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Sharad Purnima 2024: हर साल की तरह इस साल भी शरद पूर्णिमा का त्योहार 16 अक्टूबर 2024 को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. लेकिन उत्तर प्रदेश के ब्रज में इस पर्व की उमंग बेहद खास होती है. शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त रहता है, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है. इसके अलावा शरद पूर्णिमा से श्रीकृष्ण से खास संबंध है. यह वही दिन था जब श्री कृष्ण ने 16 हजार गोपियों की इच्छा पूरी करते हुए उनके साथ पूरी रात नृत्य किया था जिसे महारास कहा जाता है. 

ऐसे सवाल यह उठता है कि आखिर शरद पूर्णिमा पर ही क्यों श्री राधा कृष्ण की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से मनचाहा प्यार और जीवनसाथी पाने की इच्छा पूरी होती है. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा पर ही क्यों श्री राधा कृष्ण की पूजा की जाती है.

शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के अलावा, श्री राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा का भी विधान है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन श्री राधा रानी और कृष्ण की पूजा करने से प्रेम में सफलता प्राप्त होती है. किसी के प्रेम विवाह में बाधा आ रही है तो इस दिन श्री राधा कृष्ण की पूजा से वह दूर हो जाती है.

एक बार सभी गोपियां राधा रानी के पास आती हैं और कृष्ण के साथ उनके मिलन के लिए प्रार्थना करने के लिए बोलती हैं. सभी गोपियों ने राधा रानी से कहा कि उनके बुलाने पर भगवान कृष्ण रास रचाने आएंगे. और जब राधा रानी ने आंख बंद कर कान्हा का स्मरण किया तब अपनी प्रिया के लिए कृष्ण तुरंत वहां प्रकट हो गए. राधा रानी ने श्री कृष्ण से रास रचाने को कहां तो कृष्ण भी तैयार हो गए.

शरद पूर्णिमा के दिन कृष्ण सभी गोपियों को यमुना घाट पर आने के लिए कहा उसके बाद सभी गोपियां और राधा रानी पूर्ण शृंगार करके पहुंची थी. तब भगवान कृष्ण ने राधा रानी समेत 16 हजार गोपियों संग 16 हजार रूप धरण कर वृंदावन के वंशी वट पर महारास रचाएं थे.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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