13 अक्टूबर यानी आज शरद पूर्णिमा है. शरद ऋतु की पूर्णिमा का चांद आज 16 कलाओं से युक्त होकर निकलेगा. चांदनी रात में आज चंद्र देव अमृत की वर्षा करेंगे जो आपके जीवन को धन, प्रेम और स्वास्थ्य से भर देंगे. इस दिन स्वयं माता लक्ष्मी स्वर्ग से धरती पर उतरती हैं. मान्यता है कि रात्रि में खुले आसमान में रखे गए खीर में अमृत की बूंदें टपकती हैं और इसे सुबह सेवन करने से स्वास्थ्य उत्तम होता है. आइए सबसे पहले ये जानें कि खीर कैसे बनाएं..
केसरिया खीर के लिये सामग्री
- हरी इलायची - 6 या आधा चम्मच इलायची पाउडर
- केसर के धागे - 40 से 50
- गाय के दूध में घी मिला हुआ - 1 लीटर
- चीनी - ½ कप (100 ग्राम)
- बासमती टूटा हुआ- (¼ कप (50 ग्राम)
- किशमिश - ½ बड़े चम्मच
- बादाम - 10
- काजू - 10
खीर बनाने की विधि
1 लीटर दूध को धीमी आंच पर गरम करें. जब तक दूध गरम हो तबतक बादाम और काजू को छोटे टुकड़ों में काट लें। बादाम के 7 से 8 टुकड़े करें। 10 से 12 काजू लें, काजू को काट लें। हरी इलायची का पाउडर बना लें. चावल धोने के बाद इसे आधे घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। जैसे ही दूध में उबाल आए, उसमें चावल डाल दें और थोड़ी-थोड़ी देर में इसे हिलाते रहें.
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15 मिनट बाद खीर में कटे हुए काजू और बादाम डालें, अब मध्यम आंच पर 15 मिनट तक पकाएं। खीर गाढ़ा होने के बाद इसमें केसर मिला हुआ दूध डालें। इसके बाद इलायची पाउडर डालने के बाद इसे अच्छी तरह से हिलाएं और 10 मिनट और पकाएं। इसमें आधा कप चीनी मिलाएं। चीनी घुलने तक धीमी आंच पर 2 मिनट तक पकाएं। लिजिए बन गई खीर.
अब ऐसे करें पूजा
भगवान कृष्ण की पूजा करें और मध्य रात्रि में जब चंद्रमा (Moon) पूर्ण रूप से उदित हो जाए तब चंद्रदेव की उपासना करें. चंद्रमा (Moon) के मंत्र "ॐ सोम सोमाय नमः" का जाप करें. खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें. अब इस खीर को चंद्रमा (Moon) की रोशनी में रख दें . सूर्योदय के पूर्व इस खीर का सेवन करें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो