17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) शुरू हो रही है और 25 अक्टूबर को इसका अंतिम दिन होगा. पूरे नवरात्रि (Navratri) मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी. नवरात्रि के हर दिन का अलग-अलग महत्व होता है. मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा-अर्चना से नवरात्रि की शुरुआत होगी. इसी दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapna) होगी. नवरात्रि में मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती के लिए अपनी यात्रा शुरू करती हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा किसी खास वाहन पर सवार होकर आती हैं. मां दुर्गा जिस वाहन से आती हैं, उस वाहन का एक संकेत होता है. आम तौर पर मां दुर्गा पालकी, नाव, हाथी या घोड़े पर सवार होकर आती हैं. जिस वाहन से मां आती हैं, उसके संकेत से भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत मिलता है.
अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार से हो रही हो तो मां दुर्गा हाथी की सवारी करके आती हैं. बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां नाव पर सवार होकर आती हैं. गुरुवार-शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने से मां डोली में सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि शुरू होने पर मां दुर्गा घोड़े की सवारी करके आती हैं.
इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर यानी शनिवार को प्रारंभ हो रही है. इसलिए मां इस बार घोड़े की सवारी करके आएंगी. घोड़े पर मां का आना अशुभ संकेत दे रहा है. घोड़े को युद्ध का प्रतीक मानते हैं. जानकार बता रहे हैं कि मां के वाहन से पड़ोसी देशों से युद्ध, राजनीति और सत्ता में उथल-पुथल हो सकती है.
Source : News Nation Bureau