Advertisment

Shardiya Navratri 2022 Day 5 Maa Skandmata Mantra, Stotra, Kavach: मां स्कंदमाता के स्तोत्र और कवच से दूर भागेगी आपके बच्चे की बीमारी, मंत्रों का जाप काटेगा बुरी नजर

Shardiya Navratri 2022 Day 5 Maa Skandmata Mantra, Stotra, Kavach: मां स्कंदमाता का स्वरूप मातृ शक्ति को परिभाषित करता है और बच्चों के प्रति मां की ममता को दर्शाता है. संतान प्राप्ति के लिए माता की पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Shardiya Navratri 2022 Day 5 Maa Skandmata Mantra, Stotra, Kavach

मां स्कंदमाता के स्तोत्र और कवच से दूर भागेगी आपके बच्चे की बीमारी( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Shardiya Navratri 2022 Day 5 Maa Skandmata Puja Vidhi aur Katha: शारदीय नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. माता के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता कहा गया. माता का यह स्वरूप अत्यंत दयालु माना जाता है. मां स्कंदमाता का यह स्वरूप मातृ शक्ति को परिभाषित करता है और बच्चों के प्रति मां की ममता को दर्शाता है. संतान प्राप्ति के लिए माता की पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है. मान्यताओं के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान से जुड़ी हर बाधा दूर हो जाती है और संतान का भाग्य तेजस्वी बनता है. ऐसे में चलिए जानते हैं मां स्कंदमाता के मंत्र, स्तोत्र और कवच के बारे में.  

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2022 Navdurga 9 Name Rahasya: नवदुर्गा के नौ नामों के पीछे है नौ महा रहस्य, इस नवरात्रि खुल गया ये भेद

मां स्कंदमाता के मंत्र (Maa Skandmata Mantra) 
- बीज मंत्र 
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

- स्तुति मंत्र 
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

- प्रार्थना मंत्र 
सिंहासन नित्यं पद्माश्रितकतद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
ओम देवी स्कन्दमातायै नम:

- ध्यान मंत्र 
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्वनीम्।।
धवलवर्णा विशुध्द चक्रस्थितों पंचम दुर्गा त्रिनेत्रम्।
अभय पद्म युग्म करां दक्षिण उरू पुत्रधराम् भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानांलकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल धारिणीम्॥
प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वांधरा कांत कपोला पीन पयोधराम्।
कमनीया लावण्या चारू त्रिवली नितम्बनीम्॥

मां स्कंदमाता का स्तोत्र (Maa Skandmata Stotra) 
नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्। समग्रतत्वसागररमपारपार गहराम्॥
शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्। ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रीन्तिभास्कराम्॥
महेन्द्रकश्यपार्चिता सनंतकुमाररसस्तुताम्। सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलादभुताम्॥
अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्। मुमुक्षुभिर्विचिन्तता विशेषतत्वमुचिताम्॥
नानालंकार भूषितां मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्। सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेन्दमारभुषताम्॥
सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्रकौरिघातिनीम्। शुभां पुष्पमालिनी सुकर्णकल्पशाखिनीम्॥
तमोन्धकारयामिनी शिवस्वभाव कामिनीम्। सहस्त्र्सूर्यराजिका धनज्ज्योगकारिकाम्॥
सुशुध्द काल कन्दला सुभडवृन्दमजुल्लाम्। प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरं सतीम्॥
स्वकर्मकारिणी गति हरिप्रयाच पार्वतीम्। अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥
पुनःपुनर्जगद्वितां नमाम्यहं सुरार्चिताम्। जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवीपाहिमाम्॥ 

मां स्कंदमाता का कवच (Maa Skandmata Kavach)
ऐं बीजालिंकादेवी पदयुग्मधरापरा।
हृदयंपातुसा देवी कातिकययुता॥
श्रींहीं हुं ऐं देवी पूर्वस्यांपातुसर्वदा।
सर्वाग में सदा पातुस्कन्धमातापुत्रप्रदा॥
 
वाणवाणामृतेहुं फट् बीज समन्विता।
उत्तरस्यातथाग्नेचवारूणेनेत्रतेअवतु॥
इन्द्राणी भैरवी चैवासितांगीचसंहारिणी।
सर्वदापातुमां देवी चान्यान्यासुहि दिक्षवै॥

उप-चुनाव-2022 maa skandmata shardiya navratri 2022 मां स्कंदमाता
Advertisment
Advertisment
Advertisment