Shardiya Navratri 2022 Day 9 Maa Siddhidatri Swaroop aur Puja Vidhi: आज यानी 4 सितंबर, दिन मंगलवार को महानवमी (Navratri Mahanavami 2022) मनाई जा रही है. इस दिन मां भगवती के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. मान्यता है कि महावनवमी के दिन विधि विधान से मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने से रोग शोक से मुक्ति मिलती है और समस्त कष्टों का निवारण होता है. देवीपुराण में वर्णित एक श्लोक के अनुसार, स्वयं भोलेनाथ ने भी मां सिद्धिदात्री की अराधना कर सिद्धियों को प्राप्त किया था. ऐसे में चलिए जानते हैं मां सिद्धिदात्री के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में.
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप (Maa Siddhidatri Swaroop)
देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां सिद्धिदात्री मां लक्ष्मी के समान ही लाल रंग की साड़ी पहने हुए कमल पर विराजमान हैं. उनकी चार भुजाएं हैं जिनमें वह गदा, शंख, चक्र और कमल का फूल धारण किये हुए हैं. माता का यह स्वरूप आभामंडल से युक्त है. माता के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्राकम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां हैं. मां के इस रूप की पूजा से आंठों सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, माता के बीज मंत्र के निरंतर जाप से तामसिक एवं सात्विक दिव्य विद्याओं का शरीर में संचार होता है. माता के इस रूप की पूजा मानव ही नहीं बल्कि सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवता और असुर भी करते हैं.
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि (Maa Siddhidatri Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
- मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है.
- मां को स्नान कराने के बाद लाल पुष्प अर्पित करें.
- मां को रोली कुमकुम लगाएं.
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें.
- माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करें.
- मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है.
- कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं.
- माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें.
- मां इस्द्धिदात्री के मन्त्रों का जाप करें और आरती उतारें.
- नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है.
- ऐसे में कन्या पूजन कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करें.
- ध्यान रहे नवमी के दिन भगवान श्री राम की पूजा के बिना हर पूजा अपूर्ण है.
- मां सिद्धिदात्री के साथ साथ श्री राम की भी विधिवत आराधना करें.
Source : News Nation Bureau