Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि व्रत को शास्त्रों में विस्तार से वर्णित किया गया है। इस व्रत के नियमों में विशेष ध्यान दिया जाता है जो शिव पूजा के दौरान पालन किया जाता है. शास्त्रों में दिए नियम संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों में दिए गए आदर्श और विधियों को संक्षेप में समेटते हैं. ये नियम समाज के नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और जीवन को संरक्षित और संतुलित बनाने में सहायक होते हैं. शास्त्रों में बताए नियमों का पालन करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक और नैतिक उन्नति होती है. इन नियमों में अनुशासन, सामाजिक न्याय, धार्मिक कर्तव्य, और व्यक्तिगत शुद्धि के विषय में बताया गया है. शास्त्रों के नियमों का पालन करने से समाज में समरसता, शांति, और सहानुभूति का वातावरण बनता है. ये नियम समाज के हर व्यक्ति को सम्मान और न्याय के साथ जीने की सलाह देते हैं और समर्थ नागरिक बनाते हैं. शास्त्रों के नियमों का पालन करने से व्यक्ति अपने आप को धार्मिक और नैतिक संदेशों के साथ संबद्ध महसूस करता है और समाज के हित में काम करने की प्रेरणा प्राप्त करता है.
कब है महाशिवरात्रि
इस साल 2024 में, महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी.
व्रत का समय: महाशिवरात्रि व्रत चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. अगर चतुर्दशी तिथि निशीथकाल में हो तो उसी दिन महाशिवरात्रि व्रत रखा जाता है. अगर चतुर्दशी तिथि दो दिन हो तो निशीथकाल में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को व्रत रखा जाता है.
व्रत के नियम: व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. पूरे दिन शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए. शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. फल, दूध, दही, शहद, घी, और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. रात्रि में जागरण करना चाहिए. अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए.
व्रत के दौरान: व्रत के दौरान केवल एक बार ही भोजन करना चाहिए. भोजन में सात्विक भोजन जैसे कि फल, दूध, दही, और शहद शामिल होना चाहिए. मांस, मदिरा, और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए. क्रोध, लोभ, और मोह जैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए. दान और पुण्य कार्य करना चाहिए.
व्रत के लाभ: महाशिवरात्रि व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पापों का नाश होता है. मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ध्यान दें अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. व्रत रखने का निर्णय आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ लेना चाहिए. महाशिवरात्रि व्रत के अलावा, आप अन्य शिव व्रत भी रख सकते हैं जैसे कि सोमवार का व्रत, प्रदोष व्रत, और मासिक शिवरात्रि व्रत. आप अपनी सुविधानुसार व्रत रख सकते हैं जैसे कि निर्जला व्रत, फलाहार व्रत, या एक समय भोजन वाला व्रत.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau