Shattila Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन व्रत रखने का विशेष विधान है. वहीं हर माह की बात करें, तो कुल दो एकादशी पड़ती है. यानी कि साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन जो व्यक्ति विधिवत पूजा-अर्चना करता है. उनके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जोते हैं और उन्हें सभी पापों से मोक्ष मिल जाती है. आपको बता दें, इस साल का पहला एकादशी दिनांक 18 जनवरी 2023 को है. इस एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन स्नान-दान करने का भी विशेष महत्व है. खास बात यह है कि षटतिला एकादशी के दिन तीन इस बार तीन शुभ योग बन रहा है. इस योग में पूजा करने से आपको उसके दोगूना फल की प्राप्ति होती है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि षटतिला एकादशी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है, इस इस दिन कौन से तीन शुभ योग बन रहे हैं, जिससे आपको दोगुना फल मिलेगा, इसके अलावा षटतिला एकादशी के दिन तिल का महत्व क्या है.
षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी की दिनांक 17 जनवरी 2023 को शाम 06:05 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 18 जनवरी 2023 दिन बुधवार को शाम 04:03 मिनट तक रहेगा. इसलिए इस एकादशी का उदया तिथि दिनांक 18 जनवरी 2023 को है.
इस दिन बन रहा है तीन शुभ योग, मिलेगा दोगुना फल
1. वृद्धि योग
दिनांक 18 जनवरी 2023 को सुबह 05:58 मिनट से लेकर 02:47 मिनट तक रहेगा.
2.अमृतसिद्धि योग
दिनांक 18 जनवरी 2023 को सुबह 07:02 मिनट से लेकर शाम 05:22 मिनट तक रहेगा.
3.सर्वार्थ सिद्धि योग
दिनांक 18 जनवरी 2023 को सबह 07:02 मिनट से लेकर 05:22 मिनट तक रहेगा.
षटतिला एकादशी का पारण कब है?
षटतिला एकादशी व्रत का पारण दिनांक 19 जनवरी 2023 को सूर्योदय के बाद आप कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं.
षटतिला एकादशी में तिल का क्या है महत्व ?
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाना बेहद शुभ होता है. ऐसा कहते हैं, कि मकर संक्रांति के दिन की तरह इस एकादशी में तिल का दान करना बेहद शुभ होता है. एकादशी के दिन तिल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. सारे रोग-दोष से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपके घर कभी धन की कमी नहीं होती है. इस दिन तिल का सेवन करने से और सूर्य देवता को जल में तिल डालकर अर्घ्य देने से आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
इस विधि से करें षटतिला एकादशी की पूजा
1.षटतिला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के व्रत का संकल्प लें.
2. भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें. उनके पूजा में पीले फूल, माला, चंदन,अक्षत इत्यादि अर्पित करें, इसके साथ तिल, उड़द के दाल की खिचड़ी बनाकर भगवान विष्णु को चढ़ाएं.
3.भगवान विष्णु को घी के दीपक से आरती करें, साथ ही विष्णु चालिसा का पाठ करें.
4.रात के समय तिल से 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा मंत्र का जाप जरूर करें और हवन करें.
5.अगले दिन स्नान करने के बाद पारण करें.
HIGHLIGHTS
- षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?
- इस दिन बन रहा है तीन शुभ योग
- इस विधि से करें षटतिला एकादशी की पूजा