Shiv Ji Puja Niyam in Hindi: भारतीय संस्कृति में भगवान शिव को सर्वोत्तम देवता माना जाता है. उन्हें संतों का देवता और भक्तों का पालनहार माना जाता है. शिव की पूजा करने से भक्त को शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. माना जाता है कि अगर शिव जी की कृपा किसी पर है तो उसके जीवन के हर संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन इसका फल आपको तभी मिलेगा जब पूजा सही विधि से की जाए. शास्त्रों में भी महादेव की पूजा के कुछ नियम बताए गए हैं जिनसा पालन करना बेहद जरूरी है. फिर चाहें भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से लेकर हो या फिर जल से अभिषेक करना हो. आइए यहां हम आपको बताते हैं कि शिव की पूजा कैसे करना चाहिए.
शिवलिंग की साफ-सफाई
पूजा के लिए सबसे पहले शिवलिंग को धोकर साफ करें. इसके लिए गंगा जल या साफ पानी का उपयोग करें.
स्थापना
शिवलिंग को पूजा स्थल पर स्थापित करें. उसके बाद शिवलिंग की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री तैयार करें. जैसे - शुद्ध जल, दूप, धूप, बिल्वपत्र, पुष्प, फल, नैवेद्य, अक्षत, शमीपत्र, धतूरा, चंदन आदि.
जलाभिषेक की सही विधि
शिवलिंग को गंगाजल, धूप, चांदन, और बिल्वपत्र से स्नान कराएं. इसके बाद शिवलिंग को शहद, दही, और तिल के तेल से अभिषेक करें.
शिव जी को अर्पित न करें ये चीजें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव पूजा में तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख, केतकी का फूल आदि अर्पित न करें. क्योंकि ये चीजें शिव पूजा में वर्जित माना गया है.
बेलपत्र अर्पण नियम
माना जाता है कि बेलपत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र को चिकने सतह की तरफ से ही अर्पित करें.
प्रसाद
पूजा के बाद भगवान शिव को नैवेद्य चढ़ाएं. इसके बाद प्रसाद को भक्तों के बीच बांटें और सभी लोग मिलकर प्रसाद का भोग करें.
शिवजी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि आपका मन पवित्रता और शुद्धि के साथ लगा हो. भगवान शिव की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का अनुभव होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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Source : News Nation Bureau