Shiv Upay: शिव पार्वती की एक साथ पूजा को 'उमा महेश्वर पूजा' भी कहा जाता है. इस पूजा का मुख्य उद्देश्य शक्ति और पुरुष तत्त्व के साथ संतुलन बनाए रखना है. जो भी लोग पूजा करते है और शिव भक्त हैं उन्हें ये जानकारी होनी चाहिए कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा जब एक साथ की जाती है तो इससे उन्हें क्या लाभ होता है. शिव की पूजा से ये पूजा थोड़ी अलग होती है. इसमें माता पार्वती और शिव जी को एक साथ पूजा जाता है. आइए जानते हैं उमा महेश्वर पूजा का सही तरीका क्या है.
उमा महेश्वर पूजा सामग्री:
शिवलिंग
पार्वती माता की मूर्ति या तस्वीर
जल
दूध
धूप
दीप
फूल
फल
नैवेद्य (फल, मिठाई, घी, चावल)
उमा महेश्वर पूजा का विधान:
शुद्धिकरण:
पूजा करने से पहले हाथ धोकर, शरीर को शुद्ध करें.
पूजा स्थल स्थापना:
एक साफ़ और शुद्ध स्थान पर शिवलिंग और पार्वती माता की मूर्ति स्थापित करें.
कलश स्थापना:
कलश में जल डालें और उसमें कुमकुम और अक्षत डालें. फिर कलश को पूजा स्थल पर स्थापित करें.
अभिषेक:
शिवलिंग को गंगाजल और दूध से अभिषेक करें.
पूजा:
शिवलिंग और पार्वती माता को धूप, दीप, फूल, फल, और नैवेद्य से पूजें.
प्रार्थना:
आप शिव-पार्वती को मन में अपनी प्रार्थनाएँ करें और उनसे अपने जीवन के लिए आशीर्वाद मांगें.
आरती:
आरती गाकर दीपकों की आरती करें.
पुष्पांजलि:
फूलों की माला बनाकर उसे प्रदर्शित करें और उसे फिर शिवलिंग और पार्वती माता के चारों ओर चढ़ाएं.
लाभ:
शिव पार्वती की पूजा से आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन बना रहता है.
इस पूजा से विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
यह पूजा सार्थक जीवन की प्राप्ति में सहायक होती है और पारिवारिक संबंधों में मेल-जोल बनाए रखने में मदद करती है।
आपके पास कोई विशेष रूप से अनुष्ठान करने की शैली है, तो आप उसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकरण कर सकते हैं। ध्यान रखें कि भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau