Hariyali Teej During Menstruation: व्रत और मासिक धर्म दोनों ही भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. व्रत धार्मिक आस्था और आत्मशुद्धि से जुड़ा है, जबकि मासिक धर्म एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है. इन दोनों के बीच के संबंध को लेकर विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में अलग-अलग मान्यताएं और रीति-रिवाज हैं. हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पवित्र पर्व मनाया जाता है. चारों दिशाओं में हरा हरा होता है. बागों में झूला झूलकर सुहागन महिलाएं इसे सेलिब्रेट करती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के पवित्र महीने में पति पत्नी को झूला अवश्य झूलना चाहिए. इससे पति पत्नी का प्यार अमर हो जाता है.
मासिक धर्म में हरियाली तीज का व्रत रखें या नहीं ?
हरियाली तीज पर अगर आपको मासिक धर्म हो जाए तब ऐसे में आपको व्रत को नहीं तोड़ना चाहिए. मासिक धर्म के दौरान भी आप हरियाली तीज का पावन पर्व मना सकते हैं. आप हाथों में मेहंदी भी लगा सकते हैं. 16 श्रृंगार भी आप अवश्य करें लेकिन आप पूजा पाठ किसी और से करवा लें और आप व्रत का पालन वैसे ही करें जैसे आप बाकी दिनों में करते चले आ रहे है. मासिक धर्म के डर से पूजा भक्ति से दूर नहीं भागना चाहिए क्योंकि भगवान भी आपकी परीक्षा लेते है और ये बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए. आप व्रत का पालन अवश्य करें, पर पूजा किसी और से करवाएं. बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे व्रत का पालन भी हो जाता है और आपको मासिक धर्म में कष्ट भी नहीं मिलते.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)