Significance of Upratna: उपरत्न वे रत्न होते हैं जो मुख्य रत्नों की तुलना में कम मूल्यवान होते हैं. इनमें मुख्य रत्नों के समान गुण होते हैं, लेकिन कम तीव्रता में. उपरत्न वे रत्न होते हैं जो किसी अन्य प्रमुख रत्न के साथ मिलाकर पहने जाते हैं. उन्हें अनुष्ठान रत्न भी कहा जाता है. यह रत्न धारण करने के लाभों को बढ़ाने के लिए पहने जाते हैं. उपरत्न वह रत्न होते हैं जो नीलम, पुखराज, माणिक, मोती, मनिक्य, हीरा, नीला पन्ना, पुखराज, मूंगा, गोमेद, कट्टपल्ली, गोलूक, अम्बर, हीरा, नीलम, पन्ना, मूंगा, पुखराज, कट्टपल्ली, गोमेद, गोलूक, अम्बर आदि रत्नों से निर्मित होते हैं. ये रत्न मूल रूप से पृथ्वी की उत्तरी और पश्चिमी दिशा में खोजे जाते हैं. उपरत्न के धारण करने के कई लाभ होते हैं. इन्हें पहनने से धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ होता है और इन्हें पहनने से संतान, स्वास्थ्य, धन, सफलता, सुख, अच्छा स्वास्थ्य, आदि की प्राप्ति होती है. ये रत्न अन्य पहने गए रत्नों के लिए चमक और चमकदारता के लिए भी मशहूर होते हैं. उपरत्न के धारण करने से भी विभिन्न विषयों में आध्यात्मिक और मानवीय लाभ होता है जैसे कि संतान, स्वास्थ्य, धन, सफलता, सुख, अच्छा स्वास्थ्य, आदि. इसके अलावा, ये रत्न अन्य पहने गए रत्नों के लिए चमक और चमकदारता के लिए भी मशहूर होते हैं.
उपरत्न पहनने के लाभ
ऊर्जा की बढ़त: विभिन्न रत्नों का संयोजन ऊर्जा को बढ़ा सकता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है.
संतुलन की स्थापना: यह रत्न शरीर में ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं और स्थिरता और स्थायित्व प्रदान कर सकते हैं.
स्वास्थ्य के लिए लाभ: कुछ रत्न रोगों के इलाज में मदद कर सकते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं.
मानसिक शांति: यह रत्न मानसिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं और ध्यान को स्थिरता प्रदान कर सकते हैं.
धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ: कुछ रत्न धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं और आध्यात्मिक साधना में मदद कर सकते हैं.
कम खर्चीले: उपरत्न मुख्य रत्नों की तुलना में कम खर्चीले होते हैं.
सुलभता: उपरत्न मुख्य रत्नों की तुलना में अधिक आसानी से उपलब्ध होते हैं.
ग्रहों की शुभता: उपरत्न भी ग्रहों की शुभता प्रदान कर सकते हैं.
नकारात्मक प्रभावों से बचाव: उपरत्न नकारात्मक प्रभावों से बचाव कर सकते हैं.
आत्मविश्वास में वृद्धि: उपरत्न आत्मविश्वास में वृद्धि कर सकते हैं.
कुछ उपरत्न और उनके मुख्य रत्न
उपला: हीरा
मोती: चंद्रमा
पन्ना: बुध
पुखराज: गुरु
लाल मूंगा: मंगल
नीलम: शनि
गोमेद: राहु
वैदूर्य: केतु
उपरत्न पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लें. अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन करें. उपयुक्त उपरत्न का चुनाव करें और उपरत्न को धारण करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपरत्न केवल ज्योतिषीय उपायों का एक हिस्सा हैं. इनके साथ-साथ आपको अच्छे कर्म भी करने चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau