सिंधी समुदाय के आध्यात्मिक नेता दादा जे.पी. वासवानी का गुरुवार को पुणे में निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे और वह अगले महीने 2 अगस्त को 100 वर्षों के होने वाले थे।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि, 'दादा वासवानी जी ने आज सुबह 9.01 मिनट अपने आखिरी सांस ली। उनका पार्थिव शरीर उनके आश्रम साधु वासवानी मिशन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।'
2 अगस्त 1918 को हैदराबाद में जन्मे दादा वासवानी शाकाहार और पशु अधिकारों के प्रचार के क्षेत्र में भी काम कर रहे थे। वह अपने गुरु, साधु टीएल वासवानी द्वारा स्थापित साधु वासवानी मिशन में आध्यात्मिक प्रमुख भी रह चुके थे। दादा वासवानी ने 150 से अधिक सेल्फ-हेल्प किताबें लिखी हैं।
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वासवानी ने लंदन में ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स , ऑक्सफोर्ड में आध्यात्मिक नेताओं के ग्लोबल फोरम, शिकागो में विश्व संसद और संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के मिलेनियम वर्ल्ड पीस शिखर सम्मेलन समेत कई मंचों पर अपने विचार रखे हैं।
वासवानी ने 'मोमेंट ऑफ काम' (The Moment of Calm) शुरू किया था। यह एक वैश्विक शांति पहल है। दुनिया भर में, लोग 2 अगस्त (उनके जन्मदिन पर) को दो मिनट का मौन रखते हैं। इस मौन के दौरान लोग अपनी जिंदगी में सभी लोगों को माफ करते हैं। आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने भी इस पहल की सराहना की है।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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Source : News Nation Bureau