Sita Navami 2023: सीता नवमी के दिन करें ये आसान उपाय, मिलेगा सौभाग्य का वरदान

हिंदू पंचांग में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व है.

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Aarya Pandey
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Sita Navami 2023

Sita Navami 2023( Photo Credit : social media )

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Sita Navami 2023 : हिंदू पंचांग में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व है, जिसका बहुत ही खास महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सीता और भगवान श्री राम की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. बता दें, इस दिन साल दिनांक 29 अप्रैल को सीता नवमी का पर्व मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सीता नवमी के दिन पति की दीर्घायु के लिए और अखंड सौभाग्य के लिए कुछ उपाय के बारे में बताया गया है, जिसे करने से पति की लंबी उम्र की कामना पूरी होती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में सीता नवमी के दिन पति की दीर्घायु के लिए अचूक उपायों के बारे में बताएंगे, जिसे करने से आपके पति का उम्र बढ़ता है. 

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सीता नवमी के दिन करें ये अचूक उपाय 
1. सीता नवमी के दिन शुभ मुहूर्त में मां सीता को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं, साथ ही श्री जानकी नमः मंत्र का जप करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से पति पर आ रहे सभी संकट का निवारण हो जाता है. इसके अलावा पति की लंबी उम्र की कामना भी पूरी हो जाती है. 

2. सीता नवमी के दिन सीता चालीसा का पाठ जरूर करें, इससे अगर आपके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही होगी,तो वह भी दूर हो जाएगा. 

3. मां सीता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इस दिन मां जानकी को खीर का भोग लगाएं और 7 कन्याओं को प्रसाद के रूप में बांटें. इससे धन संबंधित परेशानियां दूर हो जाएंगी.  

4. इस दिन श्री जानकी रामाभ्यां नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे अखंड सौभाग्य के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. 

जानकी स्त्रोत का करें पाठ 

नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।

रामपाद-विनिवेशितेक्षणामङ्ग-कान्तिपरिभूत-हाटकाम्।
ताटकारि-परुषोक्ति-विक्लवां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।
वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

कायवाङ्मनसगं यदि व्यधां स्वप्नजागृतिषु राघवेतरम्।
तद्दहाङ्गमिति पावकं यतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

इन्द्ररुद्र-धनदाम्बुपालकै: सद्विमान-गणमास्थितैर्दिवि।
पुष्पवर्ष-मनुसंस्तुताङ्घ्रिकां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।
तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।।

।।इति जानकीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।

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