Skanda Sashti 2024: स्कन्द षष्ठी प्रत्येक मास की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यह त्योहार देवताओं के सेनापति और भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय के जन्म और वीरता का उत्सव मनाता है. स्कन्द षष्ठी भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का एक विशेष अवसर है. इस दिन, भक्त भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, मिठाई और दीप अर्पित करते हैं और उनकी वीरता और शक्ति की प्रार्थना करते हैं. भगवान कार्तिकेय को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है. स्कन्द षष्ठी के दिन उनकी पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान प्राप्त होता है. इन्हे विजय का देवता भी माना जाता है. स्कन्द षष्ठी के दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सफलता और विजय प्राप्त होती है. स्कन्द षष्ठी के दिन व्रत रखने और भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से पापों से मुक्ति प्राप्त होती है.
आज है स्कंद षष्ठी हिंदू पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी 13 मई, 2024 सोमवार को है. शुभ मुहूर्त की बात करें तो अमृत काल 08:54 ए एम से 10:34 ए एम तक है और अभिजित मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:45 पी एम तक है.
स्कन्द षष्ठी की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को साफ करें और सजाएं. भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. दीप प्रज्वलित करें. भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, मिठाई और अन्य भोग अर्पित करें. भगवान कार्तिकेय की आरती गाएं. भगवान कार्तिकेय से अपनी मनोकामना प्रार्थना करें. दिन भर व्रत रखें. शाम को व्रत खोलें.
स्कन्द षष्ठी के दिन क्या करें क्या ना करें?
इस दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
दान पुण्य करना चाहिए.
भगवान कार्तिकेय की कथाएं पढ़नी और सुननी चाहिए.
स्कन्द षष्ठी भगवान कार्तिकेय की भक्ति और पूजा का एक पावन अवसर है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान, विजय और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau