साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण आज दिखाई देगा। ये पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा।
भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। हालांकि बताया जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है।
इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था और दो हफ्ते पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण था।
यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा।
99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। अमेरिका में सुबह 10.15 मिनट से सूर्यग्रहण ऑरेगन के तट से दिखने लगेगा और दक्षिण कैरोलीना के तट पर दोपहर 2.50 बजे खत्म होगा। उत्तरी अमेरिका के सभी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा वलयकार सूर्य ग्रहण।
इस बार यह सूर्य ग्रहण आंशिक बताया जा रहा है। सूर्य या चंद्र ग्रहण के सूतक लगने के बाद ही कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मना किया जाता है।
भारत में इस ग्रहण के सूतक नहीं लगेंगे तो ऐसे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जहां सूर्य ग्रहण दिखेगा और सूतक लगेंगे वहां इन बातों का गौर करना होगा।
क्या करना चाहिए सूर्यग्रहण के दौरान
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवी-देवताओं की आराधना करनी चाहिए।
- स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है। मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है।
- हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये। बूढ़े, बच्चे और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं। यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए।
- मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि उसके प्रभाव से बच्चे को नुक्सान पहुंच सकता है।
- यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए।
- सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है।
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क्या कहते हैं वैज्ञानिक
सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं। सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। वैज्ञानिको के अनुसार
- सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
- इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खास चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो।
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Source : News Nation Bureau