एक ओर 14 दिसंबर को देशभर में किसान प्रदर्शन करेंगे. वहीं उसी दिन इस साल का अखिरी सूर्य ग्रहण भी लगेगा. जानिए, इस ग्रहण से जुड़ी हर अहम जानकारी
भारत में इस ग्रहण का प्रभाव:- भारत में ग्रहण के न दिखने की वजह से यहां इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन आपको ये बता दें कि ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार यह ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा.
बन रहा है पंचग्रही योग:- ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में पांच ग्रह विराजमान रहेंगे इसलिए इसे पंचग्रही योग कहा जा रहा है. ये योग कई सालों बाद बन रहा है. ज्योतिषों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, बुध, चंद्र, शुक्र और केतु मौजूद रहेंगे.
ग्रहण का समय और सूतक का समय:- आपको बता दें कि इस ग्रहण लगभग 5 घंटे तक रहेगा. शाम 7:03 बजे से रात 12:23 बजे तक यह ग्रहण लगेगा. अमूमन सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है लेकिन भारत में दिखाई ने पड़ने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं रहेगा.
क्या होता है सूतक काल:- इसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इस काल में पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं. इस समय में गर्भवती महिलाओं के लिए भी कई नियम हैं. जैसे कि छोंक या तड़का लगाने से परहेज करने को कहा जाता है. धारदार और नुकीली वस्तुओं से भी दूर बनाने की नसीहत दी जाती है.
कहां दिखाई पड़ेगा सूर्य ग्रहण:- ये ग्रहण अधिकांश दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, अटलांटिक, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूरी तरह से दिखाई देगा.
परेशानी की बात:- ज्योतिषों के अनुसार इस ग्रहण पर बेहद अशुभ गुरु चंडाल योग बन रहा है. गौरतलब है कि गुरु और राहु के एक ही जगह पर बैठने से गुरु चंडाल योग बनता है.
कौनसी राशियों पर पड़ सकता है गुरु चंडाल योग का असर:- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मेष राशि, कर्क राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का बहुत बुरा असर पड़ सकता है.
Source : News Nation Bureau