Solar Eclipse 2020, Surya Grahan: 14 दिसंबर को साल 2020 का आखिरी सूर्यग्रहण लगने वाला है. हालांकि इस बार का सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, जिसके चलते यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इससे पहले बीते 30 नवंबर को ही चंद्र ग्रहण लगा था. सूर्यग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. इसी तरह की एक मान्यता के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सन्निहित नाम का सरोवर है, जिसकी लम्बाई लगभग 1800 फीट और चौड़ाई लगभग 1400 फीट है. माना जाता है कि सूर्यग्रहण के बाद इस सरोवर में स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है. यह भी कहा जाता है कि सूर्यग्रहण के समय सभी देवता कुरुक्षेत्र में मौजूद रहते हैं. सूर्यग्रहण के बाद लाखों श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं. हालांकि इस बार कोरोना के चलते यहां स्नान पर रोक लगा दी गई है.
माना जाता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र के सन्निहित सरोवर में स्नान करने गए थे. तब श्रीकृष्ण के साथ अक्रूर, वासुदेव, उग्रसेन, गद, प्रदुम्न, सामव आदि यदुवंशी और उनकी पत्नियां भी स्नान करने गए थे. ब्रज की गोपियां भी वहां स्नान करने पहुंची थीं. तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों को अपने रथ में बैठाकर खुद रथ को चलाते हुए मथुरा ले गए थे. कहा जाता है कि उस समय अंग, मगध, वत्स, पंचाल, काशी और कौशल के कई राजा-महाराजा भी स्नान करने कुरुक्षेत्र पहुंचे थे.
माना यह भी जाता है कि सूर्यग्रहण के मौके पर ही सन्निहित सरोवर का निर्माण कराया गया. वहां सूर्यनारायण मंदिर भी बनवाया गया, जिससे श्रद्धालु स्नान करने बाद सूर्यदेव का दर्शन का लाभ उठा सकें.
Source : News Nation Bureau