साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को दिखेगा. नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया में इस ग्रहण को साफ-साफ देखा जा सकेगा. भारत में यह ग्रहण सूर्यास्त के पहले लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा. हालांकि यह ग्रहण भारत में आंशिक तौर पर ही दिखेगा. दरअसल, साल का पहला सूर्यग्रहण ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 10 जून को पड़ रहा है. इस दिन शनि जयंती भी है. इसलिए सूर्यग्रहण के साए पर शनिदेव का भी अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा. 148 साल बाद शनि जयंती व सूर्यग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो यह ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसलिए इस ग्रहण के कारण पूजा पाठ, दान पुण्य पर कोई रोक नहीं होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, साल के पहले सूर्यग्रहण के दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है. सूर्यग्रहण के दिन धृति और शूल योग भी बनेगा.
कब और कहां लगेगा सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा जिसकी समाप्ति शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगी. उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग में, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया में, ग्रीनलैंड और रुस के अधिकांश हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा. कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. वहीं उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण दृश्य होगा.
भारत में इन जगहों पर दिखेगा आंशिक सूर्य ग्रहण
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक इंटरैक्टिव मैप जारी किया है जिसमें यह बताया गया है कि सूर्य ग्रहण कहां- कहां दिखाई देगा. मैप में यह बताया गया है कि सूर्य ग्रहण भारत के अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में दिखेगा. सूर्य ग्रहण आंशिक रूप में दिखेगा जिसकी शुरुआत 12:25 में होगी और 12:51 में यह ख़त्म हो जाएगा.
148 साल बाद अद्भुत संयोग
तिथि काल गणना के अनुसार 148 साल बदा यह मौका आया है कि शनि जयंती के दिन सूर्यग्रहण लगेगा. 10 जून को सूर्य ग्रहण का अद्भुत योग भी बनेगा. हालांकि चंद्रग्रहण की ही तरह भारत में यह सूर्य़ ग्रहण दिखायी नहीं देगा. बताते चलें कि सूर्य देव और शनि पिता-पुत्र हैं. पौराणिक मान्यता है कि दोनों में मतभेद और अलगाव रहे हैं.
विदेशों में देखा जा सकेगा सूर्य ग्रहण
असली रिंग ऑफ फॉयर का नजारा तो विदेशों में देखा जा सकेगा. देवी प्रसाद दुरई, एमपी बिरला प्लेनटेरियम के डायरेक्टर ने बताया कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में यह केवल सूर्यास्त के पहले ही देखा जा सकेगा.