Sarva Pitru Amavasya: पितृ पक्ष की अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है. अब ये ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं इसे लेकर इन दिनों खूब चर्चा चल रही है. हालांकि सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना होती है लेकिन हिंदू धर्म में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष का अंतिम दिन, सर्वपितृ अमावस्या पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का दिन होता है. लेकिन इस साल अमावस्या के दिन ग्रहण आने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है. यह एक अद्भुत खगोलीय घटना होती है जिसका धार्मिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व होता है.
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
यह जानने के लिए कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं, हमें ग्रहण के प्रकार और इसकी दृश्यता के क्षेत्र के बारे में जानना होगा. अगर चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं. अगर चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. सूर्य ग्रहण हमेशा पृथ्वी के एक निश्चित क्षेत्र में ही दिखाई देता है. ग्रहण का मार्ग चंद्रमा की छाया के पथ पर निर्भर करता है.
2 अक्तूबर 2024 को पितृ पक्ष का आखिरी दिन है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है. इस साल श्राद्ध के आखिरी दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. लेकिन, ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. सूतक काल इस बार मान्य नहीं होगा. भारतीय समय के अनुसार, 2 अक्तूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर रहेगा. भारत में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण में श्राद्ध कर्म करें या नहीं
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है. इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. पितृ पक्ष के दौरान सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दौरान पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है. सूर्य ग्रहण के दौरान श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है. ग्रहण के दौरान दान करना भी पुण्य का काम माना जाता है. ग्रहण के दौरान भगवान सूर्य और अन्य देवताओं के मंत्रों का जाप किया जाता है.
ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना हानिकारक हो सकता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. हिंदू धर्म में इस समय खाना-पीना भी वर्जित होता है. पितृ पक्ष की अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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