Pradosh Vrat 2021: आज सोमवार प्रदोष व्रत है. हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. सोमवार को अगर प्रदोष व्रत पड़ता है तो उसकी महिमा दोगुनी हो जाती है. सोम प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से हर कष्ट से मुक्ति मिलती है. इस व्रत के करने हर मनोकामना पूरी होती है. सोम प्रदोष को चन्द प्रदोषम कहा जाता है. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-पाठ करना बहुत अहम माना गया है. प्रदोष में निर्जल व्रत रखा जाता है. व्रत के दौरान पानी भी नहीं पी सकते हैं. हालांकि जो व्रती निर्जला नहीं कर सकती वो फलहारी व्रत रख सकती है.
सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने से जातक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. पुराणों के अनुसार एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों के दान जितना होता है.
व्रत विधि
सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहने.
इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें.
भगवान शिव को दूध, दही और शहद से स्नान कराए.
इसके बाद चंदन और बेलपत्र चढ़ाए.
अक्षत, दीप और धूप दिखाए.
प्रसाद चढ़ाए और भगवान शिव का ध्यान करें.
शाम के वक्त भी भगवान शिव को आरती दिखाएं.
मन को रखें शांत
अगर प्रदोष का व्रत रखा है तो मन में किसी तरह का क्लेश पैदा नहीं होने देना चाहिए. मन को शुद्ध रखना चाहिए. मधुर वाणी में बात करना चाहिए. हर वक्त शिव की भक्ति में लीन रहना चाहिए.
Source : News Nation Bureau