Somvati Amavasya 2023: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का काफी धार्मिक महत्व होता है. इस दिन व्रत करने का विधान है साथ ही पितरों को जल-तिल भी दिया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. खासकर ये व्रत सुहागिनों के लिए विशेष महत्व रखता है. कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या का व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होता है. इसके साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या का व्रत माताएं संतान प्राप्ति के लिए भी रखती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को व्रत कथा भी जरूर सुननी चाहिए. इससे काफी लाभ मिलता है.
साल की आखिरी सोमवती अमावस्या कब?
पंचांग के अनुसार साल 2023 की आखिरी सोमवती अमावस्या 13 नवंबर 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी.
सोमवती अमावस्या व्रत शुभ मुहूर्त
सोमवती अमावस्या की शुरुआत - 12 नवंबर दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से
सोमवती अमावस्या समाप्त - 13 नवंबर दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त - 13 नवंबर सुबह 5 बजकर 20 मिनट से सुबह के 8 बजकर 36 मिनट तक
सोमवती अमावस्या 2023 पूजा विधि
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. उसके बाद सूय देव को जल चढ़ाएं और उनके मंत्रों का जाप करें. फिर शिवलिंग पर जल अर्पित करें और बेलपत्र, धतूरा, पुष्प आदि चढ़ाएं. शिवलिंग की पूजा करने के बाद अगर संभव हो तो पीपल, तुलसी, वट, आंवला का पेड़ लगाएं और इनकी भी पूजा करें. पूजा करने के बाद परिक्रमा करें.
सोमवती अमावस्या 2023 महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या का व्रत करने और पवित्र नदी में स्नान करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है. इसके साथ ही इस दिन दान-पुण्य करने से पितृ दोष दूर होता है और उनका आशीर्वाद मिलता है. वहीं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विधान है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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Source : News Nation Bureau