Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा के साथ ही अमावस्या का भी बहुत महत्व होता है. जब अमावस्या सोमवार के दिन आती है इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. भाद्रपद महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा, स्नान, दान और पितरों का तर्पण किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. लेकिन इस दिन कुछ ऐसे काम भी हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वरना जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. तो चलिए जानते हैं सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें.
सोमवती अमावस्या के दिन क्या न करें
1. तुलसी को जल न चढ़ाएं
सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी के पौधे को जल देना वर्जित माना गया है. ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
2. तामसिक भोजन से बचें
इस दिन मांस-मछली, मदिरा, प्याज और लहसुन जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. ये चीजें मन में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं.
3. दूसरों के प्रति बुरा व्यवहार न करें
इस दिन किसी का अपमान न करें, न ही किसी के लिए अपशब्दों का प्रयोग करें. बुरा व्यवहार भगवान को नाराज कर सकता है.
4. श्मशान या कब्रिस्तान के पास न जाएं
अमावस्या के दिन श्मशान घाट या कब्रिस्तान जैसी नकारात्मक ऊर्जा वाली जगहों से दूर रहें.
5. सुनसान जगहों से बचें
किसी भी सुनसान जगह पर जाने से बचें क्योंकि ऐसी जगहों पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है.
6. शुभ कार्यों से बचें
इस दिन कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. नए कार्यों की शुरुआत करने से भी बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.
7. क्रोध न करें
इस दिन क्रोध करने से भी बचना चाहिए. क्रोध से ईश्वर नाराज हो सकते हैं और इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है.
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें
1. सात्विक भोजन करें
इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए. इससे मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
2. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है.
3. पितरों का स्मरण करें
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को याद कर के उन्हें प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
4. पिंडदान और तर्पण करें
इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ दोष समाप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)