Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है. यह माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का विशेष फल प्राप्त होता है. सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना भी बहुत शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने के धार्मिक और अन्य महत्व भी जान लें. पीपल का धार्मिक महत्व बहुत अधिक माना जाता है. पीपल वृक्ष हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे देवताओं का निवास माना जाता है. पीपल का वृक्ष भगवान शिव को समर्पित है और इसलिए इसे "अश्वत्थ वृक्ष" भी कहते हैं. हिन्दू परंपरा में, पीपल के वृक्ष की पूजा और विधिवत आराधना की जाती है. विशेष रूप से सोमवार को पीपल के वृक्ष की पूजा और चढ़ावा किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है.
धार्मिक महत्व: पीपल का पेड़ भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. सोमवती अमावस्या को भगवान शिव का दिन भी माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
पौराणिक महत्व: एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे तपस्या की थी. इसलिए, इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना बहुत शुभ माना जाता है.
ग्रहों का प्रभाव: सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है. चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से चंद्रमा मजबूत होता है और मन शांत होता है.
आध्यात्मिक महत्व: पीपल का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिष शास्त्र में, पीपल के पेड़ को बृहस्पति ग्रह से संबंधित माना जाता है. बृहस्पति ग्रह को ज्ञान और शिक्षा का कारक माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि होती है.
सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, अगरबत्ती लगाएं और जल अर्पित करें. पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. परिक्रमा करते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें. परिक्रमा के बाद पीपल के पेड़ को छूकर प्रणाम करें. पीपल के वृक्ष की छाया में पूजा और ध्यान करने से आत्मा को शांति और सुख का अनुभव होता है. इसे शुभ और पवित्र माना जाता है, और लोग इसके नीचे बैठकर ध्यान और मन्त्र जाप करते हैं. पीपल के वृक्ष को छूने का और उसके नीचे बैठने का महत्व अत्यंत माना जाता है. इसके नीचे बैठने से लोग आध्यात्मिकता में वृद्धि करते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति की प्राप्ति होती है. इसलिए, पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau