Somvati Amavasya Daan : सोमवती अमावस्या को हिन्दू पंचांग में विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन किए गए दान का विशेष महत्व है. इस दिन जल, अनाज, वस्त्र, धन, गृह, गौशाला, चारा, तिल, वृक्ष, अग्नि, धार्मिक ग्रंथ, विद्वान्, जल-मंदिर, रखवाले गौ और विशेष रूप से मां के नाम से दान करना शुभ माना जाता है. यह दान उपाय लोगों को स्वास्थ्य, धन, सुख-शांति, और कल्याण के लिए किया जाता है, और आने वाले समय में उन्हें सुख-शांति प्रदान करने में सहायक होता है. सोमवती अमावस्या पर दान करने से धर्मिक और सामाजिक उत्थान होता है. इस अवसर पर दान करने से दानकर्ता का परिवार सुख-शांति से भर जाता है और उन्हें समृद्धि मिलती है. इसके अलावा, दान करने से विपत्तियों से बचाव होता है और जीवन में समृद्धि आती है. सोमवती अमावस्या पर दान करने से पितृदोष भी दूर होता है और पितरों को शांति प्राप्त होती है. इसलिए, इस अवसर पर दान करना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
सोमवती अमावस्या, अमावस्या तिथि और सोमवार का संयोग होने पर आने वाली एक विशेष तिथि है. इसे अत्यंत शुभ माना जाता है. इस तिथि पर दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
सोमवती अमावस्या पर दान की जाने वाली कुछ वस्तुएं:
कपड़े: गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है.
भोजन: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है.
पानी: गरीबों और जरूरतमंदों को पानी दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है.
दान पुण्य: दान पुण्य के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल, कांस्य, लोहा, और स्टील जैसी धातुएं दान की जा सकती हैं.
अन्न: गेहूं, चावल, दाल, घी, शक्कर, नमक, और मसाले जैसी वस्तुएं दान की जा सकती हैं.
फल और सब्जियां: फल और सब्जियां दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है.
पुस्तकें: धार्मिक पुस्तकें दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है.
गाय: गाय को दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दान सच्चे मन से और बिना किसी अपेक्षा के किया जाना चाहिए.
सोमवती अमावस्या पर दान करने के कुछ लाभ:
- पितृदोष से मुक्ति
- ग्रहों की दशा में सुधार
- धन-धान्य में वृद्धि
- सुख-शांति और समृद्धि
- मोक्ष की प्राप्ति
सोमवती अमावस्या का पर्व भक्ति, दान और पुण्य का पर्व है. इस पर्व को सच्चे मन से मनाने से भगवान शिव और पितरों की कृपा प्राप्त होती है. यह भी ध्यान रखें कि सोमवती अमावस्या के दिन कुछ विशेष कार्य नहीं किए जाने चाहिए, जैसे मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें. क्रोध, झूठ और बुराई से दूर रहें. किसी भी जीव को नुकसान न पहुंचाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau