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Shri Shri Ravishankar: श्री श्री रविशंकर से जानें शिव भक्ति का महत्व क्या है

Shri Shri Ravishankar: श्री श्री रविशंकर के अनुसार, शिव भक्ति का महत्व अत्यंत उच्च है. वे बताते हैं कि भगवान शिव की भक्ति से मनुष्य को आध्यात्मिक उत्थान होता है, जो उसे शांति, संतुलन और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है.

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Inna Khosla
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Shri Shri Ravishankar

Shri Shri Ravishankar:( Photo Credit : News Nation)

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Shri Shri Ravishankar: श्री श्री रविशंकर के अनुसार, शिव भक्ति का महत्व अत्यंत उच्च है. वे बताते हैं कि भगवान शिव की भक्ति से मनुष्य को आध्यात्मिक उत्थान होता है, जो उसे शांति, संतुलन और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है. शिव भक्ति से हमारे मन की शुद्धि होती है और हम अपने अंतर्यामी को पहचानते हैं. इसके अलावा, शिव भक्ति से हमें तात्कालिक लाभ के साथ-साथ आनंद का भी अनुभव होता है. शिव की भक्ति करने से हम अपनी भगवानी साक्षात्कार कर सकते हैं और उससे हमें आत्म-प्रेम और अनंत शक्ति प्राप्त होती है. इसलिए, शिव भक्ति को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हमें आध्यात्मिक और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक होती है. श्री श्री रविशंकर जी शिव भक्ति को आध्यात्मिक उन्नति का एक महत्वपूर्ण मार्ग मानते हैं. उनके अनुसार, शिव भक्ति के अनेक लाभ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ ये हैं:

1. आत्म-ज्ञान: शिव भक्ति आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है. शिव को ज्ञान का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में आत्म-ज्ञान की प्राप्ति होती है.

2. आंतरिक शांति: शिव भक्ति आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायक होती है. शिव को शांत और निर्मल स्वरूप का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में आंतरिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है.

3. भय का नाश: शिव भक्ति भय का नाश करने में सहायक होती है. शिव को भय का नाश करने वाले देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में भय और चिंता का नाश होता है.

4. नकारात्मक विचारों का नाश: शिव भक्ति नकारात्मक विचारों का नाश करने में सहायक होती है. शिव को नकारात्मकता का नाश करने वाले देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में नकारात्मक विचारों का नाश होता है.

5. सकारात्मक ऊर्जा: शिव भक्ति सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने में सहायक होती है. शिव को सकारात्मक ऊर्जा का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

6. आत्मविश्वास: शिव भक्ति आत्मविश्वास प्राप्त करने में सहायक होती है. शिव को आत्मविश्वास का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि होती है.

7. जीवन में सफलता: शिव भक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है. शिव को सफलता का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है.

8. समर्पण: शिव भक्ति समर्पण की भावना विकसित करने में सहायक होती है. शिव को समर्पण का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में समर्पण और त्याग की भावना विकसित होती है.

9. प्रेम: शिव भक्ति प्रेम की भावना विकसित करने में सहायक होती है. शिव को प्रेम का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में प्रेम और करुणा की भावना विकसित होती है.

10. भक्ति: शिव भक्ति भक्ति की भावना विकसित करने में सहायक होती है. शिव को भक्ति का देवता माना जाता है, और उनकी भक्ति से भक्तों में भक्ति और श्रद्धा की भावना विकसित होती है.

श्री श्री रविशंकर जी के अनुसार, शिव भक्ति जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शिव भक्ति का अर्थ केवल मंदिर में जाकर पूजा करना नहीं है. शिव भक्ति का अर्थ है शिव के गुणों को अपने जीवन में धारण करना. शिव के गुणों में प्रेम, करुणा, क्षमा, दया, समर्पण, और ज्ञान शामिल हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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