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Surya Dev Ki Aarti: रविवार के दिन इस स्तुति के साथ करें भगवान सूर्य की आरती, मिलेगी सफलता

Surya Dev Ki Aarti: अगर आप रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा के साथ इस स्तुति के साथ इनकी आरती करेंगे तो इससे आपको लाभ मिलेगा. यहां पढ़िए पूरी आरती.

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Sushma Pandey
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Surya Dev Ki Aarti

Surya Dev Ki Aarti( Photo Credit : social media)

Surya Dev Ki Aarti: सूर्यदेव को हिंदू धर्म में देवताओं का राजा माना जाता है. वह सूर्य के देवता हैं और उन्हें जीवन और प्रकाश का स्रोत माना जाता है. सूर्यदेव को कई नामों से जाना जाता है जिनमें सूर्य, भास्कर और आदित्य शामिल हैं. सूर्यदेव की पूजा पूरे भारत में की जाती है और उनके कई मंदिर हैं. उनमें से सबसे प्रसिद्ध मंदिर कोणार्क सूर्य मंदिर है, जो ओडिशा में स्थित है.सूर्यदेव एक शक्तिशाली देवता हैं और उनकी पूजा करने से कई लाभ होते हैं. कहा जाता है कि वे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्रदान करते हैं.  वे बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाते हैं. इसके अलावा अगर आप रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा के साथ इनकी आरती करेंगे तो इससे आपको लाभ मिलेगा. यहां पढ़िए पूरी आरती. 

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सूर्यदेव की आरती  (Surya Dev Ki Aarti)

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

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फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

सूर्य स्तुति 

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।

इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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