साल 2018 का तीसरा और आखिरी सूर्यग्रहण शनिवार 11 अगस्त को पड़ने वाला है। यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई तो नहीं देगा लेकिन इसके प्रभावों का असर जरूर पड़ेगा। ज्योतिषों की माने तो 11 अगस्त के आसपास पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा और बाढ़ की संभावना का योग बन रहा है।
सावन के शनिवार की अमावस्या के इस पड़ने वाले इस सूर्यग्रहण का विशेष महत्व होता है।
भारतीय समयानुसार दोपहर 1:32 बजे से लेकर शाम 5:01 मिनट तक सूर्यग्रहण का प्रभाव रहेगा। इस बार आंशिक सूर्य ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक रहेगा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समय के मुताबिक, सूर्य ग्रहण 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा।
इससे पहले 15 फरवरी को साल 2018 का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई को था।
सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी सौरमंडल में सूर्य का चक्कर लगाती है। इसी दौरान जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूरत की रोशनी वहीं रुक जाती है और धरती पर अंधकार छा जाता है।
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सूर्य ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से न देखें। ऐसे करने से आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। सूर्यग्रहण को देखने के अपनी आंखों को ग्लास या सोलर व्यूवर से जरूर ढक लें। नज़र या सामान्य चश्मे से ग्रहण को कभी न देखें। गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से बचें।
ग्रहण शुरू होने से पहले खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रखें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से चीज़ें खराब नहीं होती। सूर्य ग्रहण को अपने नार्मल कैमरे में कैद न करें। ऐसा करने से आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है
ग्रहण लगने के बाद स्नान जरूर लें और दान-पुण्य करें।
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शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शनिश्चरी अमावस्या के दिन पड़ रहा है। यह एक दुर्लभ संयोग है। इसे के चलते इस सूर्यग्रहण का बुरा प्रभाव कर्क, सिंह और मिथुन राशि पर देखने को मिल सकता है। शनि के प्रकोप से बचन के लिए बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ या सामान्य मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जाप प्रभावशाली रहता है।
Source : News Nation Bureau