Surya Jayanti 2023 : कल यानी की दिनांक 28 जनवरी 2023 दिन शनिवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को सूर्य जयंति मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख-शांति आती है और आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. तो आइए हम आपको अपने इस लेख में सूर्य जयंती व्रत की विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे और इस दिन कौन सी आरती करने से सूर्य देवता जल्द प्रसन्न होते हैं.
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सूर्य जयंती का व्रत इस विधि से करें
-इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त (समय 4-5 बजे) के बीच स्नान करें.
-इस दिन नदी में स्नान करने का बेहद अधिक महत्व है.
-सूर्य जयंती के दिन उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए और उन्हें अर्घ्य देने के दौरान गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.
-इस दिन व्रत का संकल्प लें और सूर्य देवता की अष्टदली प्रतिमा बनाएं और सूर्य देवता का नाम लेकर पूजा करें.
-सूर्य देवता की पूजा में लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत, धूप,घी से दीपक जलाएं और उनकी आरती करें.
-सूर्य देवता की पूजा में लाल रंग की मिठाई भोग लगाएं.
-पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को दान जरूर दें.
पूजा करने के बाद सूर्य देवता की करें आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।