Surya Shashthi Vrat 2022 Puja Vidhi: सूर्य षष्ठी के दिन सूर्य देव की पूजा कर सकती है आपके बच्चे को हर रोग से मुक्त, कभी नहीं मंडराएगी कोई बीमारी दोबारा

Surya Shashthi Vrat 2022 Puja Vidhi: मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा के साथ साथ गायत्रि मंत्र का उच्चारण भी शुभ माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य षष्ठी के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

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Gaveshna Sharma
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Surya Shashthi Vrat 2022 Puja Vidhi

सूर्य षष्ठी के दिन सूर्य देव की पूजा करेगी आपके बच्चे को रोगों से मुक्( Photo Credit : News Nation)

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Surya Shashthi Vrat 2022 Puja Vidhi: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी व्रत मनाया जाता है. इस साल सूर्य षष्ठी व्रत 2 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार यानी कि आज रखा जा रहा है. यह व्रत भगवान सूर्य देव की आराधना एवं पूजा से संबंधित है. मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा के साथ साथ गायत्रि मंत्र का उच्चारण भी शुभ माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य षष्ठी के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करने से न सिर्फ व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं बल्कि उसका भाग्य भी चमक उठता है. ऐसे में आइए जानते हैं सूर्य षष्ठी की संपूर्ण और सरल पूजा विधि के बारे में.  

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ऐसा माना जाता है कि सूर्य षष्ठी के दिन सूर्य भगवान की आराधना जो भी भक्त पूर्ण श्रद्धा भाव और विधिवत रूप से करते हैं उन्हें पुत्र, आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है. सूर्य देव की शक्ति का उल्लेख वेदों में, पुराणों में और योग शास्त्र आदि में विस्तार से किया गया है. सूर्य की उपासना सर्वदा शुभ फलदायी होती है. अत: सूर्य षष्ठी के दिन जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करता है वह सदा दुख एवं संताप से मुक्त रहता है. 

सूर्य षष्ठी व्रत 2022 पूजा विधि (Surya Shashthi Vrat 2022 Puja Vidhi)
- सूर्य षष्ठी के दिन सूर्योदय से पूर्व दैनिक कर्म से निवृत हो जाएं.

- फिर घर या घर के समीप बने किसी जलाशय, नदी, नहर में स्नान करें. 

- स्नान करने के पश्चात उगते हुए सूर्य की आराधना करें. 

- भगवान सूर्य को जलाशय, नदी अथवा नहर के समीप खडे़ होकर अर्ध्य दें. 

- अर्घ्य देते समय सात प्रकार के फल, चावल, तिल, दूर्वा, चंदन आदि को सूर्य देव को अर्पित करें. 

- शुद्ध घी का दीपक जलाएं. 

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- कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से भगवान सूर्य का पूजन करें.

- सूर्य देव के पूजन के पश्चात उन्हें भक्तिभाव और श्रद्धा से नमन करें. 

- सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करें. 

- मन्त्र कुछ इस प्रकार है: "ऊँ घृणि सूर्याय नम:" अथवा "ऊँ सूर्याय नम:".

- इस दिन "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ अवश्य ही करें.  

- उसके बाद दिन भर भगवान सूर्य का स्मरण करें.

- इस दिन अपाहिजों, गरीबों तथा ब्राह्मणों को सामर्थ अनुसार दान दें. 

- दान में वस्त्र अथवा अन्न को जरूर शामिल करें.

उप-चुनाव-2022 Surya Shashthi 2022
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