Advertisment

Vastu Tips : घर बनाने जा रहे हैं तो वास्‍तुशास्‍त्र के इन नियमों का ध्‍यान रखें, नहीं तो पड़ जाएंगे परेशानी में

दिशाएं व्यक्ति के जीवन पर महत्‍वपूर्ण प्रभाव डालती हैं और साथ ही भविष्य की दशा-दिशा बदलने में भी सहायक सिद्ध होती हैं.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Home

घर बनाने जा रहे हैं तो वास्‍तुशास्‍त्र के इन नियमों का ध्‍यान रखें( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

दिशाएं व्यक्ति के जीवन पर महत्‍वपूर्ण प्रभाव डालती हैं और साथ ही भविष्य की दशा-दिशा बदलने में भी सहायक सिद्ध होती हैं. ऐसा वास्‍तुशास्‍त्र (Vastu Shastra) कहता है. वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार, सही दिशा में काम करने से सफलता मिलती है, उसी प्रकार सही दिशा में बना घर सुख-समृद्धि प्रदान करता है. घर बनाने की जल्‍दी में हम कई बार वास्‍तु के नियमों का ध्‍यान नहीं रख पाते. ऐसे में गलत दिशा या स्थान पर बनी चीजें परेशानी का सबब बन जाती हैं. वास्तु की मानें तो उत्तरमुखी मकान दोष मुक्त होने के साथ-साथ धन-वैभव वृद्धि में सहायक साबित होता है.

यह भी पढ़ें : यह चमत्कारी उपाय करेंगे घर के वास्तुदोष को दूर

दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य दिशा या नैऋत्‍य कोण बोलते हैं. इस दिशा में खुलापन अर्थात खिड़की, दरवाजे बिल्कुल नहीं होने चाहिए. इस दिशा में गृहस्वामी का कमरा होना चाहिए. इस दिशा में आप कैश काउंटर, मशीनें आदि रख सकते हैं लेकिन इस दिशा में पौधे नहीं होने चाहिए.

उत्‍तर दिशा की खास बातें

  • उत्तर दिशा में घर का गेस्ट रूम बनाना शुभ होता है.
  • आग्‍नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में किचन होना चाहिए.
  • ईशान कोण (पूर्व-उत्तर दिशा) में पूजा स्थल बनाएं.
  • उत्तर दिशा में टॉयलेट, बाथरूम न बनाएं.
  • सुख शांति के लिए उत्तर दिशा में किचन न बनवाएं.
  • उत्तर दिशा में कोई भी दीवार टूटी हुई या किसी भी दीवार में दरार नहीं होनी चाहिए.
  • उत्तर-पूर्व में भूमिगत वाटर टैंक बनाने से धन संचय करने में मदद मिलती है.
  • उत्तर दिशा में ओपन टेरेस रखने से पॉजीटिव एनर्जी का संचार होता है.
  • नौकर का कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए.

यह भी पढ़ें : इन गैजेट्स को नहीं बदलना या देना चाहिए किसी को, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र

दक्षिण-पश्‍चिम दिशा की खास बातें

  • दक्षिण-पश्‍चिम दिशा में हरे पौधे नहीं होने चाहिए. एक तो इस दिशा में सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती और दूसरा वास्तु की दृष्टि से पौधों के लिए ये जगह अशुभ मानी जाती है. इस दिशा में पौधे होने से आर्थिक परेशानी होती है.
  • इस दिशा में शौचालय होने से पितृ दोष भी माना जाता है. राहु और पितृदोष के कारण ऐसे घरों में हमेशा नकारात्मक ऊर्जा रहती है.
  • ईश्वरीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश करती है और नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है. दक्षिण दिशा में मंदिर भी न बनवाएं.
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्टोर रूम और गृहस्वामी का कमरा बनाया जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

vastu shastra vastu tips Vastu Shastra Tips वास्‍तु शास्‍त्र वास्‍तु शास्‍त्र के नियम वास्‍तु शास्‍त्र के टिप्‍स
Advertisment
Advertisment