Bhai Dooj 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार यमुना भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी और यमराज की बहन हैं. कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब सूर्य पुत्री यमुना और यमराज अपने भाई के दर्शन के लिए आए थे. यमद्वितीया के दिन विश्राम घाट पर दोनों भाई-बहन की मुलाकात हुई. इस दौरान यमुना ने अपने भाई यमराज का तिलक किया और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया. यमराज अपनी बहन की इस सेवा से प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना से वरदान मांगने को कहा. यमुना ने वरदान मांगा कि जो भी भक्त भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करेंगे उन्हें यमराज के दंड और पापों से मुक्ति मिले. यमराज ने शुरुआत में असमर्थता जताई लेकिन बाद में उन्होंने अपनी बहन की इच्छा को पूरा करने का वचन दिया. तभी से भाई दूज के दिन यमुना में स्नान को यमराज के दंड से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है.
यमुना स्नान और यमराज मंदिर की महिमा
यमद्वितीया पर मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना स्नान का विशेष महत्व है. यहां हजारों श्रद्धालु स्नान कर यमराज के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. माना जाता है कि इस दिन यमुना में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं और यमराज के दूत उस व्यक्ति के पास कभी नहीं आते. ऐसा भी माना जाता है कि इससे अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है. यह पवित्र स्नान मनुष्य को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाने वाला स्नान माना जाता है, जहां वे अपने भाई-बहन की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं.
भाई दूज के इस पावन पर्व का उल्लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथों जैसे वराह पुराण, गर्ग संहिता और नारद पुराण में मिलता है. इन ग्रंथों में इस दिन यमराज और यमुना के बीच हुए संवाद और वरदान की कथा का वर्णन किया गया है. ग्रंथों के अनुसार यमद्वितीया पर यमुना में स्नान करने से व्यक्ति यमराज के क्रोध और यमदूतों के भय से मुक्त हो जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)