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तंत्र क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है ये मंदिर, अमावस्या की रात जरूर जाते हैं तांत्रिक

अमावस्या की रात तंत्र क्रियाओं के लिए बेहद खास मानी जाती है. भारत में एक ऐसा मंदिर है जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्लैक मैजिक कहा जाता है. इस मंदिर में जाने के लिए तांत्रिकों को अमावस्या का इंतजार करना पड़ता है.

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Inna Khosla
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64 Yogini temple on Amavasya

64 Yogini temple on Amavasya ( Photo Credit : News Nation)

ये मंदिर देवी दुर्गा के 64 योगिनियों को समर्पित हैं. योगिनियां देवी दुर्गा की शक्तियों का प्रतीक हैं. इन मंदिरों का निर्माण तांत्रिक विद्या के आधार पर किया गया है और इनका उपयोग साधना और ध्यान के लिए किया जाता है. इन मंदिरों को शक्ति और रहस्यमयता का केंद्र माना जाता है. चौसठ योगिनी मंदिर भारत के कई स्थानों में पाए जाते हैं. मुरैना, मध्य प्रदेश का चौसठ योगिनी मंदिर 13वीं शताब्दी का है और गोलाकार आधार पर 64 कक्षों के साथ बना है. यह भारत के उन चौसठ योगिनी मंदिरों में से एक है जो अच्छी दशा में बचे हैं. यह मंदिर 10वीं शताब्दी का है और आयताकार आधार पर 64 कक्षों के साथ बना है. यह खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है. 

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64 योगिनी मंदिर में अमावस्या की रात को तांत्रिको की भीड़ लगी रहती है और शाम होते ही मंदिर के सभी चौंसठ दरवाजों को बंद कर दिया जाता है और अगर शाम होने के बाद कोई इस मंदिर में रुकने की कोशिश भी करता है तो उसे जान से हाथ धोना पड़ सकता है. इतना ही नहीं अगर, यहां पर दिन को भी जाओगे तो आपको ऐसा लगेगा की आपके आसपास कोई खड़ा है. इस मंदिर में आपको बहुत सारे पिलर्स भी दिखाई देंगे. आपको यहां ऐसा महसूस होगा कि इनके पीछे कोई खड़ा है. 

आज से लगभग 700 साल पहले इस मंदिर में दूर दूर से तांत्रिक आ आ कर अलग-अलग तांत्रिक विद्याओं को सीखा करते थे. विद्या किसी को गायब करने की,पेड़-पौधों और अलग-अलग जानवरों से बात करने के तरीके ये सब भी शामिल थे. धीरे-धीरे करके ये जगह यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्लैक मैजिक के नाम से जानी जाने लगी. 

64 Yogini temple

मान्यता है कि अगर आप इस जगह पर बैठ कर मेंडिटेशन करने की कोशिश करता है तो उसे वहां की एनर्जीस के बारे में पता चलेगा. हालांकि इस मंदिर में 64 कमरे हैं और चौंसठों कमरे में शिवलिंग और माता काली की मूर्ति स्थापित है. माता काली को तांत्रिको की प्रमुख देवी के रूप में भी देखा जाता हैं और इसी के चलते आपको यहां पर ऐसा आभास होता हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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