Achyutananda Das Bhavishyavani: भविष्यमलिका की भविष्यवाणियों के अनुसार भारत गंभीर समय का सामना करेगा. इस भविष्यवाणी में कहा गया है कि भारत में एक भीषण गृहयुद्ध होगा जिसके परिणामस्वरूप देश में मार्शल लॉ लागू किया जाएगा. दुश्मन शक्तियां भारत के पवित्र मंदिरों पर आक्रमण करेंगी जिसमें विशेष रूप से बंगाल के काली मंदिर पर हमला होने की संभावना है. इस संकटपूर्ण समय के बीच भगवान विष्णु का दसवां अवतार, जिसे कल्कि अवतार कहा जाता है वो प्रकट होंगे और भारत के शत्रुओं का संहार करेंगे.
भारत में गृहयुद्ध और मार्शल लॉ का समय
अगर संत अच्युतानंद दास महाराज की भविष्यवाणी सच हुई तो भारत के भीतर गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न होगी. यह युद्ध देश के आंतरिक संकटों और दुश्मन शक्तियों के कारण होगा. इससे निपटने के लिए मार्शल लॉ लागू किया जाएगा. इस गृहयुद्ध के दौरान पवित्र मंदिरों पर आक्रमण होने की संभावना है, जिसमें बंगाल के काली मंदिर के बारे में विशेष रूप से उनकी पुस्तक में लिखा गया है. आपको बता दें कि अगर ऐसा हुआ तो यह स्थिति भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए एक गंभीर चुनौती होगी.
कल्कि अवतार
उन्होने ये भी बताया है कि जब भारत संकट के चरम पर होगा तब भगवान विष्णु का दसवां अवतार, जिसे कल्कि कहा जाता है वो प्रकट होंगे. जो अंधकार के समय में प्रकाश और विजय लाएंगे. वे दुश्मनों को पराजित करेंगे और भारत को एक नई दिशा प्रदान करेंगे. इस भविष्यवाणी में कहा गया है कि उनकी उपस्थिति भारत और संपूर्ण विश्व के लिए एक नए युग का आगमन करेगी.
विश्व जनसंख्या का कमी और सनातन धर्म का उदय
इस भविष्यवाणी के अनुसार विश्व की जनसंख्या घटकर केवल 60 करोड़ रह जाएगी. इस विनाश के बाद सनातन धर्म जिसे शाश्वत धर्म कहा जाता है को पूरे विश्व में स्वीकार किया जाएगा. यह धर्म मानवता के कल्याण और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा और इसके मूल्यों को सभी धर्मों द्वारा अपनाया जाएगा. जब यह नया युग शुरू होगा तब भारत एक विश्व नेता के रूप में उभरकर सामने आएगा. भारत दुनिया को एक नई शासन प्रणाली प्रदान करेगा जो लोकतंत्र से भी बेहतर होगी. यह शासन प्रणाली मानवता के कल्याण और सामाजिक समानता पर आधारित होगी और इससे विश्व में स्थायी शांति और विकास की स्थापना होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)