Mysterious Shivling: रायपुर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खरौद में एक ऐसा मंदिर है जिसकी कहानियां और रहस्य सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर अपने अनोखे शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने की थी. जब भगवान राम ने खर और दूषण नामक राक्षसों का वध किया था, तब इस स्थान का नाम खरोदे पड़ा था. उसी स्थान पर लक्ष्मण जी ने शिवलिंग की स्थापना की थी, इसलिए इस मंदिर को लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर (Laxmaneshwar Mahadev Temple) के नाम से जाना जाता है.
एक लाख छिद्रों वाला शिवलिंग
इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण इसका शिवलिंग है जिसमें लगभग एक लाख छिद्र हैं. इन छिद्रों की वजह से ही इस शिवलिंग को 'लक्ष लिंग' भी कहा जाता है जिसे लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. इन एक लाख छिद्रों में से एक छेद ऐसा है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह पाताल लोक से जुड़ा हुआ है.
इस छेद में चाहे कितना भी पानी डाला जाए, वह कभी भरता नहीं है. ऐसा माना जाता है कि इस छेद से सारा पानी सीधे पाताल लोक में चला जाता है. यह रहस्यमयी छेद लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है. इसके अलावा शिव जी का ये मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला बल्कि अपने धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. यहां भक्तों की अटूट आस्था है और वे मानते हैं कि इस मंदिर में आने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खरौद का लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर (Laxmaneshwar Mahadev temple) एक ऐसा स्थान है जहां धर्म और विज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिलता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)