अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जोर-शोर से चल रहा है, वहीं इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने शनिवार को धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन जारी कर दिया है. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट विभाग के प्रोफेसर एसएम अख्तर ने मस्जिद का डिजाइन तैयार किया है. प्रोफेसर एसएम अख्तर ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मस्जिद का मॉडल जारी किया. पांच एकड़ की जमीन पर बनने वाली मस्जिद में कोई गुम्बद नहीं होगा. मस्जिद परिसर में अस्पताल के साथ लाइब्रेरी, म्यूजियम और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा.
डिजाइन तैयार होने के बाद अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में जुटेगी. बताया जा रहा है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर मस्जिद की नींव रखी जा सकती है. हालांकि, इस संबंध में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. पिछले दिनों ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा था कि निर्माण शुरू करने के लिए पहली ईंट तो रखनी ही होगी तो इसके लिए 26 जनवरी या 15 अगस्त से बेहतर दिन दूसरा नहीं हो सकता. क्योंकि 26 जनवरी को देश के संविधान की नीव रखी गई थी, जबकि 15 अगस्त को देश आजाद हुआ और आजाद भारत की नीव रखी गई थी.
उन्होंने कहा था कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में बाबर या उससे जुड़ा कोई जिक्र नहीं होगा और न ही किसी भाषा या राजा के नाम पर मस्जिद का नाम होगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले IICF का गठन किया था. परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा.
अख्तर के अनुसार, नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा. परिसर के मध्य में अस्पताल होगा. पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी.
इसमें कितना खर्च आएगा, यह फिलहाल बताना मुश्किल है. ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. विशाल मस्जिद में सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा.
Source : News Nation Bureau