राम, हिन्दू धर्म के महान देवता और मानवता के मार्गदर्शक माने जाने वाले एक अवतार हैं. वे विष्णु भगवान के सातवें अवतार माने जाते हैं और उनका जन्म अयोध्या में हुआ था. राम को "मर्यादा पुरुषोत्तम" भी कहा जाता है, जो धर्म, नीति, और अध्यात्म के प्रति उनके अद्वितीय आदर्शता के कारण है. राम का चरित्र महाकाव्य "रामायण" में मिलता है, जो महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित हुआ है. रामायण में राम का वनवास, सीता हरण, रावण वध, और लंका दहन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम शामिल हैं.
राम के चरित्र की विशेषता है उनका धर्मपरायण और सत्यवादी चरित्र. वे अपने पिता राजा दशरथ के लिए बचपन से ही एक आदर्श पुत्र रहे हैं और उनका विशेष ध्यान धर्मिक और नैतिक शिक्षाओं पर है. राम की पत्नी सीता और उनके भक्त हनुमान को भी हिन्दू धर्म में विशेष महत्वपूर्ण देवता माना जाता है. राम और सीता की प्रेम कथा भक्तों के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है.
राम ने अपने जीवन में धर्म, नीति, और भक्ति के माध्यम से एक आदर्श मानव बनने का संदेश दिया है. उनकी कथाएँ, उपदेश, और लीलाएं हिन्दू धर्म में भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" बनाए रखा गया है. उनकी पूजा और उपासना हिन्दू धर्मीयों के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनकी चरित्र गुणवत्ता और नीति में से सीखें का एक स्रोत है. भगवान राम के उपदेश जीवन के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण हैं, जो हमें धर्म, नीति, और जीवन के विभिन्न पहलुओं में सीख देते हैं.
"सत्य बोलो और धर्म का पालन करो"
"अपनी मातृभूमि की सेवा करो और उसका सम्मान करो."
"शील, नीति, और सत्य की रक्षा करो."
"परोपकार करो और सभी के प्रति दया भाव बनाए रखो."
"अपनी पत्नी का सम्मान करो और उसके प्रति प्रेम रखो."
"अपने वचनों का पालन करो और किए गए वादों को निभाओ."
"धैर्य और समय का मूल्य समझो."
"अपने आत्म-निग्रह में रहो और आत्मा की शुद्धि की ओर प्रयास करो."
"धन का निरपेक्ष और यथासम्भाव बाँटवारा करो."
"सत्य और न्याय के प्रति अपनी निष्ठा में सदैव बने रहो."
"विद्या की प्राप्ति और स्वयं को समृद्धि में बढ़ावा दो."
"आत्म-निग्रह में रहकर शांति प्राप्त करो."
"दूसरों की आत्मा की सम्मान करो और उनका सम्मान करो."
"अपने कर्तव्यों का पूर्णता से निर्वहन करो."
"सच्चे मित्र बनो और उनका साथ कभी न छोड़ो."
"कभी भी दुश्मनों के साथ नैतिकता से युद्ध करो."
"विपरीत परिस्थितियों में भी साहस और स्थिरता बनाए रखो."
"किसी के विरुद्ध अन्याय न करो और उचित कार्रवाई में सहारा करो."
"आपसी समझदारी और शांति के साथ रहो."
"अपने आत्मविकास के लिए सदैव प्रयत्नशील रहो."
ये उपदेश भगवान राम के महाकाव्य रामायण से लिए गए हैं, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं में अदम्य ज्ञान और सत्य की ओर मार्गदर्शन करते हैं. इन उपदेशों का अनुसरण करने से व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिकता, नीति, और सच्चाई की दिशा में आगे बढ़ सकता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau