चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.
आज भी हमारे व्यावहारिक जीवन में आचार्य चाणक्य की नीति उपयोगी है. आचार्य चाणक्य की नीतियों में सफलता के राज छिपे हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने पुस्तक में बताया है कि 4 स्त्रियां मां के सामान होती हैं. इनका कभी भी निरादर नहीं करना चाहिए. इस संसार में मां को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त होता है। मां अपने बच्चे की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं. हर व्यक्ति को अपनी मां का सम्मान करना चाहिए. मां का सम्मान करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जन्म देने वाली मां के अलावा ये चार स्त्रियां भी मां के समान ही होती हैं. इन स्त्रियों का भी हमेशा सम्मान करना चाहिए.
राज्य के राजा या शासक की पत्नी
- आचार्य चाणक्य के अनुसार राज्य के राजा या शासक की पत्नी भी मां के समान ही होती है. हर व्यक्ति को राज्य के राजा या शासक की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए.
गुरु की पत्नी
- आचार्य चाणक्य के अनुसार गुरु की पत्नी मां के समान ही होती है. हर व्यक्ति को गुरु की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए.
मित्र या बडे़ भाई की पत्नी
- मित्र या बड़े भाई की पत्नी को भाभी कहते हैं. भाभी को मां के समान ही दर्जा दिया जाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को मित्र या बड़े भाई की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए.
पत्नी की मां
- आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी की मां भी मां के समान ही होती है. हर व्यक्ति को पत्नी की मां को भी के समान ही सम्मान देना चाहिए.
Source : News Nation Bureau