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Swami Vivekananda: ये हैं स्वामी विवेकानंद के महान विचार, आपको भी बना देंगे कामयाब इंसान

Swami Vivekananda: भारत के महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद के विचारों ने हमारे देश को नई दिशा दी. उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय हुआ करते थे. आप भी अगर इन विचारों पर अमल करें तो आप भी एक कामयाब इंसान बन सकते हैं.

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Inna Khosla
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great thoughts of Swami Vivekananda

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Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महान संत, दार्शनिक और देशभक्त थे जिन्होंने भारत को विश्व पटल पर एक नई पहचान दी. उनके विचारों ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया. विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व पर जोर देते थे. उन्होंने युवाओं को आत्मविश्वास और राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत होने का संदेश तो दिया ही साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति उसके युवाओं में निहित है. सेवा और समाज सुधार पर बल, सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का संदेश भी उन्होने सबसे पहले दुनिया को समझाया था. 1893 में शिकागो में हुए विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और अपने भाषण से पूरी दुनिया को प्रभावित किया. उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की जिसका उद्देश्य समाज सेवा और धार्मिक शिक्षा का प्रसार करना था. 

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए. यह विचार हमें अपने जीवन के लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है. संघर्षों से घबराए बिना हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए.

एक विचार लो, उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो – उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो.  किसी एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और उसे हासिल करने के महत्व को दर्शाता है. अपनी सोच और कर्म को उस एक विचार के इर्द-गिर्द रखना ही सफलता की कुंजी है.

अपने जीवन में जोखिम लो. यदि तुम जीतते हो, तो तुम नेतृत्व कर सकते हो, और यदि हारते हो, तो मार्गदर्शन कर सकते हो. उनके इस विचार के अनुसार, हमें जोखिम लेने और नई चीज़ों को आज़माने के लिए प्रेरित करता है. हार भी हमें एक महत्वपूर्ण सीख देती है और जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है.

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है. यह विचार हमें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का महत्व सिखाता है. अपने आप को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए क्योंकि हम सभी के भीतर असीमित शक्तियाँ होती हैं.

तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है. स्वामी विवेकानंद का यह विचार आत्मज्ञान और आत्मनिर्भरता पर जोर देता है. सच्ची शिक्षा और विकास व्यक्ति के भीतर से शुरू होते हैं.

सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. खुद पर विश्वास रखो. यह विचार सच्चाई, ईमानदारी और आत्मविश्वास की शक्ति को दर्शाता है. जीवन में सफलता और संतोष पाने के लिए अपने असली स्वभाव के प्रति सच्चे रहना आवश्यक है.

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते. इससे सीख मिलती है कि आत्मविश्वास ही ईश्वर में विश्वास की पहली सीढ़ी है. पहले अपने आप पर विश्वास करना आवश्यक है, तभी हम ईश्वर पर भी सच्चा विश्वास कर सकते हैं.

सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा. स्वामी विवेकानंद का ये विचार हमें सत्य के विविध रूपों को समझने के लिए प्रेरित करता है. सत्य के प्रति हमारी समझ विभिन्न हो सकती है लेकिन वह हमेशा सत्य ही रहेगा.

स्वामी विवेकानंद के ये विचार हमें जीवन में प्रेरणा, साहस और आत्मनिर्भरता की शिक्षा देते हैं. उनके विचार आज भी हमें जीवन में सही मार्गदर्शन देते हैं और हमारे व्यक्तित्व को मजबूत बनाते हैं. उनके संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि पहले थे. उन्होंने युवाओं को आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति से ओत-प्रोत होने का संदेश दिया था. आज के युवाओं को भी स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेकर देश सेवा में योगदान देना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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