Advertisment

Holika Dahan 2024: गलती से भी ये लोग न देखें होलिका दहन, भुगतना पड़ेगा भारी नुकसान

Holika Dahan 2024: हिंदू धर्म में होलिका दहन का बहुत महत्व है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे देखना कुछ लोगों के लिए वर्जित है. किन लोगों का होलिका दहन देखना मना है और क्यों आइए जानते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
holi 2023 mein kab hai

Holika Dahan 2024 ( Photo Credit : social media)

Advertisment

Holika Dahan 2024: होलिका दहन देखना आम तौर पर सभी के लिए शुभ माना जाता है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. होलिका दहन हिन्दू धर्म में शुभ माना जाता है. इस त्योहार के दौरान होलिका दहन का दर्शन करना लोगों को खुशी, समृद्धि और सुख के संकेत के रूप में माना जाता है. इस दिन को लोग अपनी भक्ति और आस्था का प्रकटीकरण करते हैं और अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं. होलिका दहन के दर्शन करना लोगों को नई ऊर्जा और उत्साह देता है और उन्हें नकारात्मकता से मुक्ति के प्रति आत्मविश्वास दिलाता है. हालांकि, कुछ लोगों के लिए होलिका दहन देखना अशुभ भी माना जा सकता है:

गर्भवती महिलाओं: गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित कर सकती है.

नवविवाहित महिलाओं: नवविवाहित महिलाओं को भी होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे उनके वैवाहिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

बीमार लोगों: बीमार लोगों को भी होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे उनकी बीमारी बढ़ सकती है.

शोक में रहने वाले लोगों: जिन लोगों का कोई प्रियजन हाल ही में मृत्यु को प्राप्त हुआ हो, उन्हें भी होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे उन्हें दुःख और नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है.

इन लोगों के अलावा, किसी को होलिका दहन देखने में डर लगता है या वे नकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं, तो उन्हें भी होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. ये मान्यताएं और परंपराएं क्षेत्र-दर-क्षेत्र भिन्न हो सकती हैं. अगर आप किसी भी प्रकार की चिंता या संदेह में हैं, तो आपको किसी बुजुर्ग या धार्मिक व्यक्ति से सलाह लेनी चाहिए.

होलिका दहन हिन्दू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है जो होली के पूर्व दिन मनाया जाता है. यह त्योहार हिरण्यकश्यप के अहंकारी बहन होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है. इस कथा के अनुसार, प्रलय के बाद हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर प्रह्लाद को जलाने का प्रयास करता है. होलिका एक अद्भुत वरदान के बल पर असंभव स्थिति में प्रह्लाद के ऊपर बैठी थी, जिससे वह नुकसान नहीं पहुंचता. इसके बदले में, होलिका स्वयं जलकर नाश हो जाती है, जबकि प्रह्लाद सलामत रहता है.

होलिका दहन को इसी कथा की याद में मनाया जाता है. लोग इस दिन बोनफायर का आयोजन करते हैं और इसमें लकड़ी और घी का उपयोग करते हैं. होलिका को जलाने के बाद, लोग उसकी आग से हल्के और सुखद लगाते हैं, और इसे अनुभव के रूप में स्वागत करते हैं. यह त्योहार हिन्दू समाज में विजय, सच्चाई, और धर्म की जीत का प्रतीक है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read Also: Holi 2024 Shubh YOG: 100 साल बाद होली पर बन रहा है शुभ संयोग, इन 4 राशियों के घर आएंगी खुशियां

Source : News Nation Bureau

लोकसभा चुनाव 2024 holi 2024 Holika Dahan 2024 holika dahan kab hai Holi kab Hai holi 2023 mein kab hai
Advertisment
Advertisment