जिस तरह से हाथ में शुभ रेखाएं (Palmistry) होती हैं. उसी तरह से अशुभ रेखाएं भी होती हैं. जो आगे चलकर अशुभ फल देती है. हस्तरेखा विज्ञान में शुभ-अशुभ रेखाओं के बारे में कुछ खास बातें बताई गईं हैं. जैसे- हाथ की खड़ी रेखाएं तरक्की, उन्नति और धन के बारे में बताती हैं. वहीं आड़ी रेखाएं लाइफ में आने वाली मुश्किलों (Crisis Lines and Life) के बारे में बताती हैं. इसी तरह रेखा अगर शुरुआत में मोटी है तो उसे अच्छा माना जाता है. वहीं आखिर में मोटी होने वाली रेखा कष्ट रेखा मानी जाती है. ज्योतिष में ऐसी रेखाओं को संकट की रेखा माना गया है.
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शनि पर्वत पर यदि संकट रेखाएं हों तो ये लोगों को धन तो देती हैं लेकिन उसे बहुत घमंडी भी बना देती हैं. इससे इंसान तरक्की करके भी वैसा सम्मन नहीं पा पाता है, जिसका वो हकदार (Signs of Crisis Lines) होता है.
हालांकि हाथ में संकट रेखाओं के होने का मतलब है कि लाइफ से जुड़े पहलुओं में मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी लेकिन वक्त रहते कुछ उपाय करके इन प्रॉब्लम्स को टाला (Palmistry and Life) जा सकता है.
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बृहस्पति पर्वत पर रेखाओं को ऊपर से नीचे की ओर गिरते हुए आना कोई बड़ी बीमारी होने का संकेत है. ये रेखाएं भाग्य में भी कमी (Bad Luck Line in Hand in Hindi) करती हैं.
मंगल क्षेत्र में यदि ये संकट रेखाएं आज जाती हैं तो इंसान को प्रॉपर्टी के मामले में खास तरह की परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं. फिर भले ही वो प्रॉपर्टी उसके द्वारा खरीदी गई हो या उसे विरासत में मिली हो.
बुध पर्वत पर संकट की रेखाएं होना बिजनेस में नुकसान का कारण बनता है. ऐसे लोगों को बिजनेस डील करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.