Diwali 2024 Puja Bhog: दिवाली साल में एक बार आती है लेकिन इसका इंतजार हर भारतीय को सालभर रहता है. देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन लोग शुभ मुहूर्त देखकर उनकी पूजा करते हैं. इस साल दिवाली कब है इस बात को लेकर लोगों में लगातार कन्फ्युजन बना हुआ है. ऐसे में स्थिर लग्न के अनुसार दिवाली 31 अक्टूबर को मनायी जाएगी और पंचांग के अनुसार 1 नवंबर की शाम तक दिवाली का शुभ मुहूर्त है. देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दिवाली के दिन लोग उनकी पूजा करते हैं, उन्हें तरह-तरह की मिठाईयों के भोग लगाते हैं. सोने और चांदी के गहनों के साथ सिक्कों की भी पूजा की जाती है. घर की तिजोरी खोलकर उसका सभी कीमती सामान मां लक्ष्मी को अर्पित करते हैं और उनसे फलने फूलने का आशीर्वाद मांगते हैं. जिस तरह से लोग घर पर मेहमान का स्वागत करते हैं उससे भी कहीं ज्यादा स्नेह के साथ वो मां लक्ष्मी की स्वागत अपने घर आंगन में करते हैं. अगर आप मां लक्ष्मी को उनका मनपसंद प्रसाद बनाकर भोग लगाते हैं तो माना जाता है कि सालभर आप पर उनकी कृपा बनी रहती है.
दिवाली पर मां लक्ष्मी को जरूर लगाएं ये भोग
खील बताशे का भोग तो हर साल दिवाली पूजा में मां लक्ष्मी को लगाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका सबसे पसंदीदा भोग क्या है. शास्त्रों में वर्णित है कि उन्हे दूध और चावल अति प्रिय हैं. जब घर में लोग मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi on Diwali) करते हैं तो कहा जाता है कि उनकी पूजा में खीर का भोग जरूर होना चाहिए. इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
दूध और चावल से बनी खीर का भोग लगाने से जातक की कुंडली का शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है. शुक्र को धन और ऐश्वर्य का ग्रह माना जाता है. इससे जीवन में सुख-संपत्ति, धन और वैभव आता है. अगर आप इस दिवाली (Diwali) पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं तो इससे आपके जीवन में कभी सुख-समृद्धि या रुपये पैसे की कमी नहीं होती.
अगर आप दिवाली आने से पहले ही इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो उस दिन तैयारी समय से कर पाएंगे. आप पूजा से पहले की खीर बना लें. ध्यान रखें कि घर की लक्ष्मी जैसे मां या पत्नी अगर भोग का प्रसाद बनाती है तो इसे और भी शुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)