आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे. इन्होंने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है. हर एक को प्रेरणा देने वाली है. अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है. चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन को बेहतर बनाने के तरीके के साथ ही दुष्ट लोगों से बचने के उपाय भी बताए हैं.
चाणक्य नीति में जीवन के हर पहलु से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया गया है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक होता है, इसलिए चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए नीति शास्त्र में स्वस्थ्य रहने के लिए भी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. आइये जानते हैं कि चाणक्य नीति में वर्णित कौन सा आहार है जो मांसाहार से भी दस गुना ज्यादा ताकतवर है.
अन्नाद्दशगुणं पिष्टं पिष्टाद्दशगुणं पयः
पयसोऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम्
चाणक्य नीति के इस श्लोक में सर्वप्रथम बताते हैं कि व्यक्ति के जीवन के लिए अनाज बहुत पुष्टिवर्धक होता है और पीसा हुआ अनाज यानी सबसे ज्यादा ताकतवर आटा होता है, क्योंकि इससे बनी रोटी खाने के बाद व्यक्ति पूरे दिन ऊर्जावान बना रहता है. रोटी खाने से पाचन तंत्र सही रहता है जिससे पेट से जुड़ी परेशानियां नहीं होती हैं और मनुष्य की सेहत अच्छी रहती है.
चाणक्य नीति के अनुसार आटे से भी ज्यादा ताकत दूध प्रदान करता है. यह आटे से दस गुना ज्यादा शक्ति प्रदान करता है. दूध को संपूर्ण आहार भी कहा जाता है. प्रतिदिन दूध पीने से शरीर पुष्ट होता है और शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति भी होती है. प्रतिदिन दूध पीने से हड्डियां मजबूत रहती हैं.
दूध से आठ गुणा ज्यादा ताकतवर मांसाहार को कहा गया है लेकिन मांसाहार से भी 10 गुणा ज्यादा ताकतवर घी होता है. प्रतिदिन शुद्ध घी का सेवन करने वाले की हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं. शरीर पुष्ट होता है, इसलिए व्यक्ति को अपने खाने में प्रतिदिन घी अवश्य शामिल करना चाहिए.
Source : News Nation Bureau