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Durga Saptashati Mantra: ये है दुर्गा सप्तशती के महामंत्र, पढ़ते ही बदल जाता है जीवन 

Durga Saptashati Mantra: दुर्गा सप्तशती का पाठ बेहद शक्तिशाली है. जो लोग ये पाठ नहीं कर सकते उन्हें इस पाठ से सबसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप मात्र से जीवन बदल जाता है.

News Nation Bureau | Edited By : Inna Khosla | Updated on: 20 Nov 2023, 11:10:21 AM
durga saptshati

Durga Saptashati Mantra (Photo Credit: news nation)

नई दिल्ली :  

Durga Saptashati Mantra: दुर्गा सप्तशती हिन्दू पौराणिक ग्रंथ है जिसमें देवी दुर्गा की महिमा, शक्ति, और दानवों से उनके लड़ने का वर्णन है. यह ग्रंथ तीन खण्डों में विभाजित है - प्रथम खण्ड "माध्यमराहस्य" में महिषासुर का वध, दूसरे खण्ड "मार्कण्डेयराहस्य" में शुम्ब-निशुम्ब का वध, और तीसरे खण्ड "चाण्डीराहस्य" में चंडी का वर्णन है. दुर्गा सप्तशती में कुल 700 श्लोक मंत्र रूप में विद्यमान है. इन मंत्रों का जाप, चंडी पाठ के दौरान, मार्गशीर्ष मास में विशेष रूप से किया जाता है और इसे नवरात्रि के अवसर पर भी किया जाता है. इन मंत्रों के जाप से शक्ति की प्राप्ति, रक्षा, और सुख-शांति की कामना की जाती है. इसका पाठ विधिवत और भक्ति भाव से करने से कहा जाता है कि व्यक्ति दुर्गा माता की कृपा में रहता है और सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त करता है.

दुर्गा सप्तशती के महामंत्र

"नवार्ण मंत्र" को "मंत्रराज" भी कहा जाता है क्योंकि इसे अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इसे महाकवच या महामृत्युंजय मंत्र के साथ इस्तेमाल करके विशेष रूप से मन्त्रराज कहा जाता है.

नवार्ण मंत्र का पाठ नवरात्रि और अन्य दुर्गा पूजा के अवसरों पर किया जाता है. इस मंत्र का पाठ करने से भक्त को दुर्गा मां की कृपा प्राप्त होती है और उनकी रक्षा होती है.

नवार्ण मंत्र - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥

इस मंत्र का उच्चारण और जाप देवी दुर्गा की पूजा करते समय सबसे ज्यादा किया जाता है. इसे नौ अक्षरों से मिलकर बनाया गया है और इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए शक्तिशाली बीज मंत्र है.

"क्लीं ऐं ह्रीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र दुर्गा मां की पूजा और साधना में उच्च शक्तिशाली माना जाता है. यह मंत्र माँ दुर्गा की कृपा, शक्ति, और सुरक्षा का प्रतीक है और इसे नवरात्रि और अन्य दुर्गा पूजा के दौरान विशेष रूप से जपा जाता है.

"क्लीं ऐं ह्रीं चामुण्डायै विच्चे"

इस मंत्र का जाप भक्ति भाव से किया जाता है और यह दुर्गा मां के नौ रूपों की आराधना एक साथ की जाती है. मंत्र का अधिकतर विशेषाधिकार दुर्गा के चरणों में समर्पित किया जाता है और भक्त उनसे शक्ति और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

First Published : 15 Nov 2023, 04:22:02 PM