Chhath Festival 2024: छठ महापर्व में डूबते सूर्य को जल अर्पित करने का सही तरीका जानना बहुत महत्वपूर्ण है. यह पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है और इस दिन सूर्य देव के साथ उनकी दूसरी पत्नी प्रत्युषा की पूजा की जाती है. डूबते सूर्य को जल देने का छठ पूजा में विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि इससे जीवन के सभी अंधकार मिटते हैं और सकारात्मकता आती है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को ये महापर्व भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. अब विदेशो में पहने वाले पूर्वांचली इस व्रत को वहां भी धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने का सही तरीका क्या है, किस मंत्र का जाप करते हैं और पूजा के बाद क्या करते हैं आइए सब जानते हैं.
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए क्या चाहिए?
- एक बड़ा तालाब या नदी का किनारा
- साफ पानी से भरा एक बर्तन
- फल, फूल और दीपक
- छठी मैया का प्रसाद
सूर्य को अर्घ्य देने का सही तरीका
छठ महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से पहले स्नान करना आवश्यक होता है. इसके बाद आप तैयार होकर तालाब या नदी के किनारे एक साफ जगह पर बैठें. बर्तन में साफ पानी भरें और उसमें फल, फूल और दीपक डालें. डूबते सूर्य को देखते हुए इल मंत्र का जाप करें- "ॐ आदित्य देवो भास्करो भानु: खगेश: पुष्करग:. दीप्ति: तेजस्वी रश्मिमान् सर्वलोकैक चक्षु:.."
मंत्र का जाप करते हुए बर्तन को ऊपर उठाएं और डूबते सूर्य की ओर झुककर जल अर्पित करें. अर्घ्य देने के बाद प्रसाद को जल में प्रवाहित करें. अंत में सूर्य देव को प्रणाम करें. ध्यान रखें कि अर्घ्य के समय मन में शुद्ध भाव रखें और सूर्य देव से अपनी मनोकामनाएं मांगें. जल की धार सूर्य पर ही पड़े. शोर-शराबा न करें और अर्घ्य देने के बाद कुछ देर तक सूर्य को प्रणाम करते हुए खड़े रहें. जब ये सब हो जाए तो इसके बाद आप प्रसाद को सभी में बांटें. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है. वे हमें प्रकाश, ऊर्जा और जीवन देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूर्ण करते हैं और इससे हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. छठ पूजा में डूबते सूर्य को जल अर्पित करना एक पवित्र अनुष्ठान है. यह हमें सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है. यह पूजा हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)