रामभक्त हनुमान विघ्नहरण हैं और अपने भक्तों के संकट हरते हैं. तभी उनको संकटों को हरने वाला कहा जाता है. वो हनुमान जी हैं जो श्रीराम के लिए भी संकटमोचन बन गए थे और सात समुद्र पार कर मां जानकी की खबर लेकर आए थे. हनुमान जी कलयुग में भी अपने भक्तों की बाधएं हरते हैं. यही वजह है कि भक्तों को उनमें अटूट विश्ववास है. इस क्रम में हनुमान चालिसा को काफी प्रभावशाली माना जाता है. एक हनुमान चालिसा के पाठ से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं. मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत मना जाता है क्योंकि हनुमान जी मंगलवार के दिन को विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं. इस दिन कुछ विशेष मंत्रों और पूजा विधियों का पालन करना शुभ माना जाता है, जिससे भक्त को सुख, समृद्धि, और मानवीय सम्बन्धों में समृद्धि प्राप्त हो सकती है.
मंगलवार की पूजा के लिए यह सामान्य विधि हो सकती है:
स्नान और वस्त्र धारण:
पूजा करने से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थल:
हनुमान जी की पूजा के लिए एक शुद्ध और स्वच्छ स्थान का चयन करें.
पूजा सामग्री:
हनुमान जी की मूर्ति, रोली, चावल, दीप, गुड़, सिन्दूर, गुलाब के पुष्प, और अर्पित करने के लिए पूजन सामग्री का एक सेट तैयार करें.
मंत्र:
हनुमान चालीसा के पाठ के बाद, "ॐ हं हनुमते नमः" या "ॐ श्री हनुमते नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें.
आरती:
हनुमान जी को आरती अर्पित करें और उन्हें गुलाब के पुष्प समर्पित करें.
प्रासाद:
पूजा के बाद कुछ मिठाई या फल को प्रासाद के रूप में बनाएं और उसे हनुमान जी को अर्पित करें.
इस प्रकार, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से भक्त को मानवीय और आध्यात्मिक सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है.
Source : News Nation Bureau