Threat Perception For India: भारत के पड़ोसी देशों में वर्तमान हालात बेहद नाजुक हैं. चाहे वह बांग्लादेश हो, पाकिस्तान या श्रीलंका. हर जगह लोगों को राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बांग्लादेश में स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि वहां हिंदू समुदाय के लोग भारी परेशानी में फंसे हुए हैं. इन देशों में फैली उथल-पुथल का कारण भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाली एजेंसियां भी हो सकती हैं. ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों ने जो भविष्यवाणियां की हैं अगर वो सच होती हैं तो भारत के लिए अगले 6-7 महीने तबाही की लहर लेकर आ सकते हैं.
पश्चिम बंगाल की कुंडली के ज्योतिषीय संकेत
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी पश्चिम बंगाल की कुंडली में अभी मंगल का गोचर और सूर्य-बुद्ध का संयोग देखा जा रहा है, जो राज्य में आने वाले समय में किसी बड़े हादसे की ओर इशारा करता है. अक्टूबर या इसके आसपास, पश्चिम बंगाल में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है.
पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
पश्चिम बंगाल इस समय एक डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत की घटना के चलते सुर्खियों में है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र आतंकियों का ठिकाना बनता जा रहा है. वहां रोहिंग्या शरणार्थियों की बढ़ती संख्या और स्थानीय मुस्लिम समुदाय की मदद से आतंकवादी गतिविधियां पनप रही हैं. अगर भारत की ओर देखें, तो विशेषज्ञों और खुफिया एजेंसियों की माने तो आने वाले छह से सात महीने भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. खासतौर पर पश्चिम बंगाल की सीमा से एक बड़ी घुसपैठ की आशंका जताई जा रही है.
भारत की सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस स्थिति से अवगत हो चुकी हैं और पश्चिम बंगाल में किसी भी बड़ी घुसपैठ को रोकने के लिए सेना को अलर्ट कर दिया गया है. यह भी माना जा रहा है कि अगस्त के अंत तक सेना वहां बड़ी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि, विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर के बीच सेना पर हमले की भी आशंका है.
ज्योतिषीय संकेत यह भी बता रहे हैं कि आने वाले समय में भारत के अस्पतालों में भीड़ बढ़ सकती है, जिसका कारण कोई बड़ा आतंकी हमला, बीमारी या अन्य हादसा हो सकता है.
भारत के शत्रुओं पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
भारत की कुंडली के अनुसार, 26 दिसंबर 2025 से भारत की मंगल की महादशा शुरू होने वाली है. इस अवधि में भारत अपने दुश्मनों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है. यह समय भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, जब देश में छिपे दुश्मनों को निकालने का काम शुरू किया जाएगा.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भी भारत को सतर्क होना पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सहारा दिया है, लेकिन अब समय है कि बांग्लादेश में फंसे हिंदुओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए. भारत को न केवल अपनी सीमाओं पर ध्यान देने की जरूरत है बल्कि देश के अंदर मौजूद घुसपैठियों और कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. यह देश की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)