गुरुवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है. इस दिन मां लक्ष्मी और और विष्णु भगवान की साथ में पूजा करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है. जिनके विवाह में देरी हो रही है, उनके लिए भी गुरुवार का व्रत बेहद शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि अगर आप 1 साल में गुरुवार का व्रत करते हैं तो आपके घर में कभी भी पैसे रुपयों की कमी नही होती और आपका पर्स कभी खली नही होता.
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क्या है गुरुवार की पूजा विधि
गुरुवार की पूजा विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर वृहस्पति देश की पूजा करनी चाहिए. इस दौरान पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है. पूजा में पीली (Yellow) वस्तुएं, जैसे पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाई जाती है.
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इस व्रत में केले के पेड़ की पूजा भी की जाती है. जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाया जाता है. इसके बाद चने की दाल और मुनक्का पेड़ की जड़ों में डालकर दिया जलाया जाता है औऱ पेड़ की आरती उतारी जाती है. पूजा के बाज बृहस्पति देव की कथा भी सुननी चाहिए. इस दिन दान-पुण्य का भी काफी महत्व होता है.
Source : News Nation Bureau