Muslim Women: इस्लाम धर्म में महिलाओं का दर्जा भले ही कितना भी ऊंचा क्यों न हो लेकिन इस समुदाय के ठेकेदारों ने मुस्लिम महिलाओं के साथ न जाने कितनी तरह के जुल्म किए हैं. दुनियाभर में इस समय इस्लाम धर्म के खिलाफ मानों जंग शुरू हो रही है. हर देश में इन्हें जाने आने और रहने के लिए कई तरह की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन भारत में रहने वाली 5 ऐसी मुस्लिम महिलाओं के बारे में हम आपको बताने वाले हैं जिन्हें विश्व का कोई भी देश आसानी से नागरिकता देने के लिए तैयार है. ये महिलाएं मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं. इनके लिए न तो कुछ कठिन है और न ही इनके सामने कोई चुनौती टिक पाती है.
हम बात कर रहे हैं भारत की 5 सबसे अमीर मुस्लिम महिलाओं की जो भारतीय आर्थिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये ऐसी महिलाएं हैं जिन्हे विश्व का कोई भी देश नागरिकता देने के लिए तैयार है. ये 5 मुस्लिम महिलाएं कौन हैं और उन्हे हर देश क्यों इतना चाहता है आइए जानते हैं.
फराह मलिक भानजी और उनके परिवार का नाम इस सूची में सबसे ऊपर है. उनकी कंपनी मेट्रो शूज़ भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फुटवियर कंपनी है. इस कंपनी के भारत में 700 से अधिक स्टोर्स और रीटेलिंग सेंटर्स हैं. फराह मलिक भानजी की नेट वर्थ की बात करें तो ये 26,000 करोड़ रुपये की है.
शमीना वज़ीर अली एक भारतीय मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने न केवल अपने देश बल्कि दुनिया भर में भारतीय मुस्लिम महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत साबित किया है. भारत की दूसरी सबसे अमीर मुस्लिम महिला लिस्ट में शुमार शमीना वज़ीर अली सिप्ला कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं, जो कि भारत की दूसरी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है. इनकी कहानी सिर्फ एक सफल कारोबारी महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने मुस्लिम समाज में महिलाओं के लिए कई रूढ़िवादी धारणाओं को तोड़ा है.
सिग्नेट केमिकल फार्मा की मालकिन बीना हरीश शाह का भी नाम इस सूची में आता है. ये मुस्लिम महिलाएं न सिर्फ अपने समुदाय का नाम रोशन कर रही हैं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभा रही हैं. ये जिस शिद्दत से अपना काम करती हैं उसी शिद्दत से इस्लाम धर्म के नियमों का पालन भी करती हैं. लेकिन इस्लाम धर्म के नाम पर जो रूढ़िवादी विचारधाराएं महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती हैं ये उन्हे नहीं मानती.
अर्शिया अल्ताफ लल्लजी तीन से अधिक कंपनियों की मालिक हैं. उनकी कंपनी सड केमी भारत की सबसे बड़ी केमिकल उत्पादक कंपनी है. धर्म के साथ कामयाबी का ये कॉम्बिनेशन भी इस्लाम धर्म में कम देखने को मिलता है.
आज़ाद मूप्पन की बेटी अलीशा मूप्पन एस्टर डीएम हेल्थकेयर कॉरपोरेशन की डिप्टी डायरेक्टर हैं. उनके द्वारा संचालित 700 से अधिक अस्पताल और मेडिकल सेंटर्स दुनिया भर में फैले हुए हैं. यही वजह है कि दुनिया का हर देश इन्हें आसानी से नागरिकता देने को तैयार है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)