हमारे हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद ही शुभ और पवित्र माना गया है. तुलसी को मां लक्ष्मी का अवतार कहा गया है,तुलसी को घर में लगाना बेहद ही शुभ माना जाता है, कहते हैं इसके लगाने मात्र से ही सारी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.वहीं जैसा की आप सब जानते ही हैं कि बिना तुलसी के भगवान का भोग अधूरा माना जाता है. इसलिए हमारे धर्म में तुलसी बहुत ही मायने रखती हैं. बता दें हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है और उसी दिन से विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं.
कब है तुलसी विवाह, जानिए मुहूर्त-
तुलसी विवाह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है.आपको बता दें, तुलसी विवाह 5 नवंबर को मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 8 मिनट से लेकर अगले दिन शाम 5 बजकर 6 मिनट तक रहेगा.
क्या है तुलसी पूजन का महत्त्व-
तुलसी पूजन का हमारे धर्म में काफी महत्त्व है, बिना तुलसी के भगवान को भोग नहीं लगाया जाता है, मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पुजा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल बनी रहती है,जीवन में बाधाएं नहीं आती है. संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत विशेष माना जाता है.
क्या है तुलसी पूजन विधि-
तुलन पूजन के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें और एक चौकी रखकर लाल कपड़ा बिछाएं, उसके बाद उस चौकी पर तुलसी का पौधा स्थापित करें और शालीग्राम स्थापित करें,वहीं दूसरी तरफ चौकी के पास एक कलश में जल भरकर रख दें और साथ में घी का दीपक जलाएं. माता तुलसी को दुल्हन की तरह सजाएं, फिर शालीग्राम और तुलसी को चंदन या कुमकुम से तिलक लगाएं. तुलसी माता को सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, माला अर्पित करें और उसका बाद हाथ में शालीग्राम रख माता तुलसी की परिक्रमा करें और हाथ जोड़कर उनके वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें.
HIGHLIGHTS
- कब है तुलसी पूजन,क्या है मुहूर्त
- क्या है तुलसी पूजन का महत्त्व
- तुलसी पूजन की विधि
Source : News Nation Bureau